शुगर मिल में गन्ने की
कम तुलाई की सूचना किसानों द्वारा रात को ही डीसी व एमडी शुगर मिल को दी
गई। लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने विरोध में शुगर
मिल में ही धरना दे दिया। काफी समय तक उनकी समस्या सुनने के लिए मौके पर
कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इस बात से दुखी किसानों ने उग्र रूप धारण कर लिया
और गन्ने से भरी ट्रालियों सहित लघु सचिवालय की ओर चलने का रूख अक्चितयार
कर लिया। इस बात की घोषणा के बाद मौके पर शुगर मिल के एमडी व एसडीएम
कमलप्रीत कौर मौके पर पहुंचे लेकिन किसानों से उन्हें मिलने से साफ इंकार
कर दिया। उन्होंने कहा कि अब वे डीसी से कम किसी अधिकारी से बात नहीं
करेंगे। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों की भी दी गई।
प्रशासन ने करवाई फाटक बंद
जब
किसान गन्ने से भरी ट्रालियों सहित लघु सचिवालय की ओर जाने लगे तो पुलिस
प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में रोकने की काफी कौशिश की लेकिन वे नहीं
रूकी। जब वे चलते चलते लघु सचिवालय के पास पहुंचे तो सचिवालय के पास रेलवे
फाटक को भी बंद किया गया। लेकिन किसान जिद्द पर अड़े थे कि इस प्रकार वे
रूकने वाले नहीं है। जब तक गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई
नहीं होती वे रूकने वाले नहीं है। डीएसपी रामकुमार ने किसानों का समझाने का
प्रयास तो किया लेकिन नहीं माने। इसके बाद किसानों के आक्रोश को देखते हुए
प्रशासन को फाटक खोलनी पड़ी।
सचिवालय के आगे लगाया जाम
लघु
सचिवालय के पास करीब लगे पौने घंटे के जाम के कारण लोगों को भारी
दिञ्चकतों का सामना करना पड़ा। किसानों ने लघु सचिवालय व लघु सचिवालय के
सामने गन्ने की भरी ट्रालियां खड़ी करके जाम लगा दिया। किसानों का काफी देर
समझाने का प्रयास किया गया लेकिन भारतीय किसान संघ के प्रांत युवा प्रमुख
गुलतान नैन, प्रांत सचिव रणदीप आर्य फरल, जिला अध्यक्ष सतीश कुमार ग्योंग
एवं जिला उपाध्यक्ष पालाराम आदि की मांग की थी जब तक उन्हें डीसी स्वयं आकर
जांच करने का आश्वासन नहीं देते वे यहां से हटने वाले नहीं है। उन्होंने
कहा कि एक ट्राली में करीब 22 ञ्चिवंटल की गड़बड़ है तो रात को ऐसी 11
ट्रालियां तुली है। किसानों के साथ घोटाला किया जा रहा है। इस मौके पर
बलवान कोटड़ा, संतोष दहिया सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
डीसी से हुई दो दौर में बात
इसके
बाद किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल डीसी से मिला और डीसी भी उनके बीच आए।
किसानों की मांग थी कि तुलाई में गड़बड़ी की भरपाई करवाई जाए। एमडी शुगर मिल
को सस्पेंड किया जाए व दो सेल्जमैन को हटाया जाए। इस पर डीसी धर्मवीर सिंह
ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी तीनों मांगों को सीएम के पास भेज देंगे।
इसी प्रकार किसानों ने चीप घोटाले की जांच की बात की तो डीसी का कहना था
कि चीप घोटाले की जांच चल रही है। जांच पुरी होते ही खुलासा किया जाएगा।
उधर किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर शीघ्र ही उनकी
मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
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