नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा कि जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और वहां की जनता गुड गवर्नेंस और पारदर्शिता के साथ अपने लक्ष्यों को पाने में सफल होगी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में गुरुवार को कहा, "केंद्र सरकार की प्राथमिकता रहेगी कि आने वाले समय में राज्य के कर्मचारियों को दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों के बराबर सुविधाएं मिलें। अभी केंद्र शासित प्रदेशों में एलटीसी, एचआरए, हेल्थ स्कीम दी जाती हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों और पुलिस सेवा के लोगों को ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं। इन सबके ये सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री ने कहा, "बहुत जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे वहां रोजगार का अवसर बढ़ेगा। साथ ही केंद्र सरकार की कम्पनियों और प्राइवेट सेक्टर को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कहा जा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप का भी विस्तार किया जाएगा।"
प्रधानमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है। यह चिंता की बात है। बकौल प्रधानमंत्री, " केंद्र राजस्व घाटा कम करने का प्रयास करेगी। केंद्र ने अभी कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच समझकर रखा है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर एक परिवार के तौर पर आपने, हमने पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई बहन अनेक सुविधाओं से वंचित थे जो उनके विकास में बाधा थी, हम सबके प्रयासों से अब दूर हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "जो सपना बाबा साहब अम्बेडकर का था, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी का था, वो अब पूरा हो चुका है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत हुआ है। अब देश में सभी देशवासियों के अधिकार समान हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप चर्चा भी करें तो पता नहीं चलता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ। इस धारा ने जम्मू-कश्मीर को कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र के रूप में इस्तेमाल हो रहा था।
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