नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को यहां भारतीय संविधान पर लिखी एक पुस्तक के विमोचन समारोह में कहा कि वे आश्वस्त कर देना चाहते हैं कि देश में कोई भी नया संविधान नहीं बनने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव में प्रधानमंत्री की अहम भूमिका होती है, फिर न्यायाधीशों की नियुक्ति में प्रधानमंत्री की भूमिका क्यों नहीं हो सकती।
रविशंकर प्रसाद ने यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में बोलते हुए जजों की नियुक्ति वाली मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव में सबसे अहम भूमिका प्रधानमंत्री की होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त, सीएजी, सीवीसी जैसे संवैधानिक पदों के लिए नियुक्तियों में प्रधानमंत्री की भूमिका होती है, सभी मंत्री उनके अधीन काम करते हैं तो क्या वे एक ईमानदार जज नहीं नियुक्त कर सकते।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बेंगलुरु हादसा : प्रधानमंत्री मोदी ने 11 लोगों की मौत पर जताया दुख
अनुष्का शर्मा ने बेंगलुरु में मची भगदड़ पर दुख जताया
मध्य प्रदेश : झाबुआ सड़क हादसे पर पीएम मोदी ने जताया शोक, आर्थिक मदद का किया ऐलान
Daily Horoscope