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स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता ब्रेन स्ट्रोक से निपटने में अहम!

Healthy lifestyle and awareness are important in dealing with brain stroke! - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । विश्व मस्तिष्क दिवस पर विशेषज्ञों ने देश में ब्रेन स्ट्रोक और अन्य संबंधित बीमारियों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए उचित आहार और व्यायाम के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवन शैली पर जोर दिया है।
विश्व मस्तिष्क दिवस हर साल 22 जुलाई को जागरूकता बढ़ाने और मस्तिष्क स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय ब्रेन हेल्थ एंड प्रिवेंशन है।

न्यूरोलॉजिकल विकारों में स्ट्रोक, सिरदर्द विकार, मिर्गी, सेरेब्रल पाल्सी, अल्जाइमर और अन्य मनोभ्रंश, मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र कैंसर, पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मोटर न्यूरॉन रोग और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार शामिल हैं।

नारायणा हेल्थ के एचओडी और निदेशक एवं क्लिनिकल लीड इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी डॉ. विक्रम हुडेड ने आईएएनएस को बताया, '' भारत के युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक के बढ़ते मामले देखने को मिल रहे हैं। इन मामलों में पिछले पांच वर्षों में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। सबसे ज्‍यादा मामले 25-40 वर्ष की आयु के लोगों में देखने को मिल रहे हैं। यह मुख्‍य रूप से गतिहीन जीवन शैली, खराब आहार संबंधी आदतें, धूम्रपान और शहरी जीवन से जुड़े उच्च तनाव के कारण होता है।

डॉक्टर ने उच्च रक्तचाप और शुगर की ओर भी इशारा किया है। इसके अलावा जेनेटिक बीमारियां, स्लीपिंग डिसऑर्डर,हृदय संबंधी अज्ञात बीमारियां, उच्च तनाव स्तर और प्रदूषण जैसे कारक भी इस खतरनाक बीमारी को जन्‍म देते हैं।

डॉ. हुडेड ने कहा, '' इन खतरों से बचने के लिए युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली के साथ नियमित शारीरिक गतिविधि से जुड़े रहना जरुरी है। साथ ही तनाव को कम करने के उपाय भी बेहद जरुरी हैं।''

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुमान के अनुसार, भारत में कुल बीमारियों में न्यूरोलॉजिकल विकारों का योगदान 10 प्रतिशत है। बढ़ती उम्र की वजह से देश में बीमारों की संख्या बढ़ रही है।

नई दिल्ली स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के निदेशक और न्यूरोलॉजी प्रमुख डॉ. ए.के. साहनी ने आईएएनएस को बताया, ''बढ़ती उम्र के साथ, विशेषकर 50 वर्ष के बाद मस्तिष्क में डोपामाइन के कम स्राव के कारण मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में न्यूरोडीजेनेरेटिव परिवर्तन होने लगते हैं।''

कोलकाता स्थित नारायण अस्पताल के कंसल्टेंट-न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अरिंदम घोष ने बताया, "सिर में चोट लगने से बचने, पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार खाने, धूम्रपान से बचने, तनाव दूर करने के उपाय जैसे ध्यान, व्यायाम या सैर करने और मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों का पर्याप्त ध्यान रखने जैसे उपायों को बढ़ाने से कई तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचा जा सकता है।''

भारत में प्रतिवर्ष लगभग 185,000 स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं, जिसमें से हर 40 सेकंड में एक स्ट्रोक और हर 4 मिनट में स्ट्रोक से एक मौत होती है।

इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद भी देश के कई अस्‍पतालों में आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी है।

दिल्ली में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के न्यूरोलॉजी निदेशक डॉ. राजुल अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, “न्यूरोलॉजी सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है और वहीं विशेषज्ञ प्रभावी उपचारात्मक सुविधाएं बढ़ाने की मांग करते हैं।''

उन्होंने कहा, “उन्नत इमेजिंग तकनीक, ब्रेन-मशीन इंटरफेस और डीप ब्रेन स्टिमुलेशन जैसी हालिया तकनीकी सफलताएं इन बीमारियों का पता लगाने और इनके उपचार में बदलाव ला रही है। जो इन समस्‍याओं से जूझ रहे लोगों के लिए उम्‍मीद की नई किरण है।''

-आईएएनएस

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Web Title-Healthy lifestyle and awareness are important in dealing with brain stroke!
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Tags: brain stroke, lifestyle
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