आगरा। तीन तलाक को लेकर मुस्लिम
पर्सनल लॉ में केंद्र सरकार दखलअंदाजी न दे। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत आगरा ने तीन
तलाक की हिमायत और सिविल कोर्ट की मुखालफत में एक मीटिंग नामनेर मस्जिद में की।
शहर भर के उलमा-ए-किराम और मस्जिद के इमाम ने शरीक होकर एतराज दर्ज कराया। तंजीम
के सदर मौलाना मुहम्मद अरशदुर्रहमान कादरी ने कहा कहा कि केंद्र सरकार तीन तलाक को
लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलअंदाजी न दे। सुप्रीम कोर्ट में दिया गया हलफनामा
वापस ले। मुसलमान मर्द और औरतों के लिए सिर्फ रसूल का बनाया कानून की काफी है।
मुफ्ती मुदस्सिर खां कादरी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ मुस्लिमों का दस्तूरे हिंद
के अनुसार आईनी अधिकार है। जो कोई नहीं छीन सकता है। कॉमन सिविल कोर्ट ने ही
मुसलमानों के लिए सही रहेगा और नहीं वतन के लिए ठीक रहेगा। कॉमन सिविल कोर्ट की
जमकर मुखालफत और मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की हिमायत की जाएगी। इस दौरान हस्ताक्षर
मुहिम को सफल बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
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