संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने यूक्रेन में हर दिन रूसी सैन्य बलों की बमबारी में मौत व विध्वंस के सिलसिले का तुरन्त अन्त किए जाने की पुकार लगाई है. बीते सप्ताहांत, देश के कई हिस्सों में घातक हमलों की लहर में तीन बच्चों समेत कम से कम 14 आम नागरिक मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं. हताहतों में अधिकाँश राजधानी कीव, ख़ारकीव और माइकोलाइव जैसे शहरों के रिहायशी इलाक़ों में मिसाइल व ड्रोन हमलों की चपेट में आए हैं.इस बीच, यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने बड़ी संख्या में रूस को लम्बी दूरी वाले ड्रोन से निशाना बनाया है, जिनमें कम से कम 11 आम नागरिकों के घायल होने की ख़बर है. Tweet URL
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने हिंसक टकराव पर तत्काल विराम लगाए जाने और व्यापक स्तर पर युद्धविराम लागू किए जाने का आग्रह किया ताकि दैनिक मौतों व विध्वंस पर विराम लग सके.उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के सम्मान पर आधारित वास्तविक मायनों में एक शान्ति वार्ता को भी शुरू किया जाना होगा.OHCHR प्रमुख के अनुसार, हिंसक टकराव के बीच, स्वतंत्रता से वंचित आम लोगों को संरक्षण मुहैया कराया जाना होगा. बिना सुनवाई के मौत की सज़ा सुनाने, बन्दियों को यातना देने, अमानवीय बर्ताव के सभी रूपों को रोकना होगा.मानवाधिकार उच्चायुक्त ने हाल ही में युद्धबन्दियों व हिरासत में रखे गए आम लोगों की अदला-बदली का स्वागत किया. कुछ दिन पहले, दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे की हिरासत से 880 युद्धबन्दियों व 120 आम नागरिकों को रिहा किया गया है.वोल्कर टर्क ने कहा कि बहुत से परिवार अब राहत की साँस ले सकते हैं, चूँकि उनके प्रियजन अन्तत: घर वापिस लौट आए हैं.“लेकिन, यह भी है कि अन्य परिवारों ने अपने रिश्तेदारों व घरों को खोया है, चूँकि यूक्रेन में उनके समुदाय हमलों की चपेट में आए हैं.”बच्चों पर असरसंयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने अपने एक वक्तव्य में यूक्रेन में हमलों का नई लहर में बच्चों पर हुए असर पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है.यूक्रेन में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि मुनीर मम्मादज़ादे ने कहा कि पिछले तीन दिनों में ज़िटोमिर में कम से कम तीन बच्चे मारे गए हैं, जबकि देश के अन्य हिस्सों में 13 बच्चे घायल हुए हैं.उन्होंने कहा कि यूक्रेनी बच्चों ने बहुत लम्बे समय से पीड़ा को झेला है. “अब और कितने भविष्यों को चुराया जाएगा. यह बेतुकी हिंसा और युवा ज़िन्दगियों की हानि को अब रोकना होगा.”यूनीसेफ़ के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से अप्रैल के दौरान 220 से अधिक बच्चे हताहत हुए हैं, जोकि पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
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