कोलकाता । यहां की एक विशेष सीबीआई
अदालत ने गुरुवार को राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के
सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के
पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 16 मार्च तक बढ़ा दी।
घोटाले के 12 अन्य आरोपियों के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था,
जिसमें पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय
गांगुली, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुबीरेश
भट्टाचार्य, डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व प्रमुख एस.पी.
सिन्हा और आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा सहित अन्य शामिल हैं।
चटर्जी बुधवार को अदालत में पेश हुए।
उन्होंने
कहा था कि हालांकि केंद्रीय एजेंसियों ने कहा है कि एक गिरफ्तार युवा
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष ने दावा किया है कि चटर्जी घोटाले में
शामिल हैं, अब वे कह रहे हैं कि उन्हें पता नहीं है कि 'घोष कौन है'।
चटर्जी
ने कहा, "भर्ती घोटाले में मेरा नाम घसीटा गया है। लेकिन तत्कालीन शिक्षा
मंत्री के रूप में मेरे पास कोई भर्ती प्राधिकार नहीं था। ये भर्तियां
शिक्षा विभाग के तहत स्वायत्त निकायों द्वारा की गई थीं।"
हालांकि,
उनके और 13 अन्य आरापियों के वकील द्वारा दी गई दलीलें अदालत को संतुष्ट
नहीं कर सकीं और न्यायाधीश ने आरोपी की न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए
बढ़ा दी।
वहीं, विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के न्यायाधीश ने मामले में जांच एजेंसी की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया।
--आईएएनएस
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