लखनऊ। उदयपुर स्थित नारायण सेवा संस्थान एक बार फिर दिव्यांगजनों के जीवन में नई रोशनी लाने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 1 दिसंबर को संस्थान द्वारा निःशुल्क नारायण लिंब एवं कैलीपर्स फिटमेंट शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर दयाल गेटवे होटल, किसान बाज़ार, विभूति खंड में प्रातः 8 बजे से सायं 5 बजे तक संचालित होगा।
संस्थान के ट्रस्टी और निदेशक देवेंद्र चौबीसा ने बताया कि यह शिविर संस्थान की "कुआँ प्यासे के पास" योजना का हिस्सा है, जिसके तहत 28 जुलाई को एक मेजरमेंट कैंप आयोजित किया गया था। उस कैंप में 1260 दिव्यांगजन आए थे, जिनमें से 690 लोग कृत्रिम अंगों के लिए चुने गए। ये लोग सड़क दुर्घटनाओं या बीमारियों की वजह से अपने हाथ-पैर खो चुके थे।
उत्तर प्रदेश में पहली बार इतना बड़ा शिविर आयोजित हो रहा है, जहां एक साथ 690 दिव्यांगों को नारायण लिंब पहनाए जाएंगे। देवेंद्र चौबीसा ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य इन दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।
भव्य आयोजन की तैयारी
संस्थान के मीडिया और जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि इस शिविर के उद्घाटन के लिए उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और सैकड़ों संस्थान सदस्य आमंत्रित हैं। दिव्यांगजनों और उनके परिवारों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था होगी। लिंब फिटमेंट के बाद उन्हें चलने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, जिसके लिए 50 सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंच रही है।
इस शिविर में 100 कृत्रिम अंगों का सहयोग टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा उनके CSR फंड के तहत किया गया है। संस्थान ने समाज के लोगों से अपील की है कि वे इस मानवीय सेवा में सहभागी बनें।
समाजसेवा का लंबा इतिहास
1985 में स्थापित नारायण सेवा संस्थान अपने संस्थापक कैलाश मानव के नेतृत्व में "नर सेवा-नारायण सेवा" के मूल मंत्र पर काम कर रहा है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। संस्थान अब तक 48,500 से अधिक नारायण लिंब फिट कर चुका है और उत्तर प्रदेश में 24,500 दिव्यांगों को लाभान्वित कर चुका है।
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल दिव्यांगजनों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए शिक्षा, कौशल विकास और खेलों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। उन्हें भी वर्ष 2023 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आने वाले समय में नारायण सेवा संस्थान आगरा, काशी और गोरखपुर में भी शिविर आयोजित करेगा, जिससे और अधिक दिव्यांगों को उनके जीवन में नया अध्याय शुरू करने का अवसर मिलेगा।
यह शिविर मानवता और सेवा का एक अनूठा उदाहरण पेश करेगा, जो दिव्यांगजनों के जीवन में आशा और आत्मनिर्भरता का संचार करेगा।
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