ललितपुर। जिले के बानपुर सर्किल क्षेत्र अंतर्गत उदयपुरा में स्थित देशी शराब की दुकान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली और ठेका संचालकों की मनमानी की पोल खोल दी है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इस देशी शराब के ठेके पर वियर बेची जा रही है, जबकि नियमों के मुताबिक देशी शराब और वियर की अलग-अलग दुकानें होती हैं। यही नहीं, ठेके के बाहर 'देशी व वियर' का कंपोजिट विज्ञापन भी लगा हुआ है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस ठेके पर नाबालिग बच्चे से भी शराब बिकवाई जा रही है, जो बाल श्रम और आबकारी कानून दोनों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। शराब जैसी नियंत्रित वस्तु की बिक्री में नाबालिग का शामिल होना बेहद गंभीर मामला है, लेकिन आबकारी विभाग की नज़र शायद इस दिशा में नहीं है या फिर विभागीय मिलीभगत और कमीशनखोरी की वजह से जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस ठेके पर लंबे समय से वियर के साथ-साथ देशी शराब भी ओवररेट पर बेची जा रही है। रेटलिस्ट के मुकाबले मनमाना पैसा वसूला जाता है और ग्राहक अगर विरोध करे तो उसके साथ अभद्रता तक की जाती है।
वायरल वीडियो में ठेका संचालक की ये मुख्य गलतियां उजागर हुईं:
देशी व वियर की कंपोजिट दुकान का बोर्ड लगाना—जबकि दोनों की बिक्री के लिए अलग-अलग लाइसेंस जरूरी होता है।
देशी शराब की दुकान से वियर बेचना—यह सीधा लाइसेंस उल्लंघन है।
ओवर रेटिंग कर शराब बेचना—नियमित मूल्य सूची की अनदेखी कर ग्राहकों से ज्यादा वसूली।
नाबालिग से शराब बिकवाना—जो न सिर्फ आबकारी नियमों के खिलाफ है बल्कि किशोर न्याय अधिनियम का भी सीधा उल्लंघन है।
प्रशासन और आबकारी विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध बिक्री की जानकारी कई बार आबकारी विभाग को दी गई, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई। अब सवाल उठता है कि क्या विभाग को इस अवैध कारोबार की जानकारी नहीं थी या फिर मोटी 'सेटिंग' के चलते जानबूझकर आंखें मूंद ली गईं?
कलेक्टर व एसपी से जांच की मांग
ग्रामीणों व सामाजिक संगठनों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ठेके की जांच न की गई तो इस अवैध व्यापार के कारण क्षेत्र में अपराध व नशाखोरी का स्तर और बढ़ जाएगा।
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