चेन्नई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन को साकार करने के लिए निजी क्षेत्र और स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर रही है। भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन की स्थिति पर लोकसभा में उठाए गए एक सवाल (गगनयान) पर सिंह ने बुधवार को कहा, "सरकार हार्डवेयर प्राप्ति, पुर्जो की आपूर्ति, स्वास्थ्य निगरानी, डिवाइस, वर्चुअल रियलिटी सिमुलेटर, आदि जैसे विभिन्न गगनयान गतिविधियों के लिए निजी क्षेत्र और स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर रही है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गगनयान परियोजना की वर्तमान स्थिति पर उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में एक अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा शुरू की गई है। वहां प्रशिक्षण गतिविधियां अच्छी तरह से चल रही हैं।
गगनयान के लिए सभी प्रणालियों और उप प्रणालियों का डिजाइन पूरा कर लिया गया है। इसे साकार करना प्रगति के विभिन्न चरणों में है।
मानव रेटेड क्रियोजेनिक इंजन की लंबी अवधि की योग्यता परीक्षण और मानव रेटेड विकास इंजन के पहले चरण के परीक्षण को पूरा कर लिया गया है। सिंह ने कहा कि गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम के लिए पहले चरण का प्रदर्शन परीक्षण भी पूरा हो गया है।
उनके अनुसार, सेवा प्रदाताओं के साथ ग्राउंड नेटवर्क के लिए अवधारणा प्रदर्शन का प्रमाण पूरा हो चुका है। कक्षीय मॉड्यूल की तैयारी के लिए एक एकीकरण सुविधा का निर्माण पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन (समझौता ज्ञापन), अनुबंध और कार्यान्वयन व्यवस्था (आईए) संबंधित गतिविधियां अच्छी तरह से प्रगति कर रही हैं। विभिन्न मानव केंद्रित उत्पादों का डिजाइन पूरा कर लिया गया है और विभिन्न प्रोटोटाइप प्राप्त किए जा रहे हैं।"
इसके अलावा ग्लावकोसमोस, रूस और सीएनईएस, फ्रांस के साथ अनुबंधों के खिलाफ गगनयान डिलिवरेबल्स की प्राप्ति शुरू हो गई है।
क्रू रिकवरी ऑपरेशन और रिहर्सल की भूमिका और जिम्मेदारी को अंतिम रूप दे दिया गया है। नाममात्र मिशन परि²श्यों के लिए विस्तृत परिचालन आवश्यकताओं पर भी काम किया जाता है।
सिंह ने कहा, "सूक्ष्म गुरुत्व प्रयोगों के विकास से संबंधित गतिविधियां शुरू हो गई हैं। प्रयोगों के लिए वैचारिक डिजाइन की समीक्षा की जा रही है।"
इससे पहले, सरकार ने कहा था कि क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन के सत्यापन के लिए परीक्षण वाहन उड़ानों जैसे प्रमुख मिशन वर्तमान में 2022 की दूसरी छमाही के लिए लक्षित हैं।
इसके बाद, गगनयान (जीआई) के पहले मानव रहित मिशन को 2023 की शुरूआत के लिए लक्षित किया गया है। इसके बाद दूसरा मानव रहित मिशन और पहला मानवयुक्त मिशन होगा।
--आईएएनएस
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