1 of 1
GST काउंसिल की 55वीं बैठक : सेकंड हैंड EV पर 18% GST, फोर्टिफाइड राइस पर राहत, हेल्थ इंश्योरेंस पर निर्णय लंबित
khaskhabar.com: शनिवार, 21 दिसम्बर 2024 11:04 PM
जैसलमेर। जैसलमेर में 21 दिसंबर को हुई GST काउंसिल की 55वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर डीलर के माध्यम से खरीदारी करने पर 18% GST लागू होगा। हालांकि, फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (FRK) पर GST दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST दर घटाने का मामला अभी लंबित है।
बैठक की मुख्य बातें :सेकंड हैंड EV पर 18% GST : अगर कोई व्यक्ति सेकंड हैंड EV डीलर से खरीदता है, तो डीलर के मुनाफे पर 18% GST लगेगा। व्यक्तिगत बिक्री पर GST नहीं लागू होगा।
फोर्टिफाइड राइस पर राहत : पोषणयुक्त चावल (FRK) पर GST दर 18% से घटाकर 5% की गई। यह कदम पोषण सुधारने और affordability बढ़ाने के लिए उठाया गया।
काली मिर्च, किशमिश और छोटे लेनदेन पर राहत : किसानों द्वारा सप्लाई की गई काली मिर्च और किशमिश पर GST नहीं लगेगा। ₹2,000 से कम के डिजिटल लेनदेन पर पेमेंट एग्रीगेटर्स से GST नहीं लिया जाएगा।
पेट्रोल-डीजल पर GST नहीं : सभी राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विरोध किया। राज्यों का कहना है कि वे इसे अपने टैक्स दायरे में रखना चाहते हैं।
जीन थेरेपी और रक्षा क्षेत्र को छूट : जीन थेरेपी पर GST हटाया गया। लॉन्ग रेंज मिसाइल सिस्टम पर छूट की समय सीमा बढ़ाई गई।
पॉपकॉर्न पर स्थिति स्पष्ट : चीनी मिश्रित पॉपकॉर्न (जैसे कैरेमल पॉपकॉर्न) को कन्फेक्शनरी के अंतर्गत रखा जाएगा और इस पर 18% GST लगेगा।
शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा : नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के ट्रेनिंग पार्टनर्स को GST से छूट दी गई। केंद्रीय और राज्य मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी और रिसर्च सेंटर्स को ग्रांट पर GST से छूट मिलेगी।
54वीं बैठक के फैसलों की झलक : सितंबर 2024 में हुई 54वीं बैठक में कैंसर की दवाओं पर GST को 12% से घटाकर 5% किया गया था। साथ ही, नमकीन पर GST दर 18% से घटाकर 12% कर दी गई थी।
GST : अर्थव्यवस्था का दर्पणGST कलेक्शन देश की आर्थिक स्थिति का संकेतक है। अप्रैल 2024 में GST संग्रह ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था का परिचायक दिया।
GST काउंसिल की यह बैठक संतुलन साधने की दिशा में अहम रही। जहां एक ओर रियायतें दी गईं, वहीं कुछ मामलों में निर्णय लंबित रखे गए। यह बैठक देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक संगठित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे