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जयपुर, । शासन सचिव
पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ समित शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को वीडियो
कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस
राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी
अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, एसआइपीएफ के निदेशक कुशल तथा पशुपालन
विभाग के वित्तीय सलाहकार मनोज शांडिल्य सहित विभाग के समस्त अतिरिक्त निदेशक
तथा सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जिलों के संयुक्त निदेशक तथा वरिष्ठ पशु
चिकित्सा अधिकारी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
मंगला पशु बीमा योजना के क्रियान्वयन में जारी
किए जा रहे स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों एवं बीमा की प्रगति की समीक्षा करते हुए डॉ
शर्मा ने विभाग को पंजीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बधाई दी और सभी पंजीकृत
पशुओं का बीमा यथाशीघ्र कराने के निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को योजना का जल्द से
जल्द लाभ मिलना शुरू हो सकेे। उन्होंने सर्वेयर कंपनी को जल्द से जल्द इस अंतर को
कम करने का निर्देश दिया। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्य की
प्राप्ति के लिए अभी से अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने मोबाइल
वेटरिनरी यूनिट के डुअल और हाइब्रिड मोड में संचालन की समीक्षा करते हुए
पर्यवेक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने एमवीयू के पर्यवेक्षण
के लिए गूगल शीट भरने के सख्त निर्देश
जिलों को दिए। उन्होंने कहा कि एमवीयू के प्रभावी पर्यवेक्षण में अभी भी कमियां
पाई जा रही हैं इसलिए इसका पर्याप्त निरीक्षण सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी
प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। कुछ जिले अच्छा काम कर रहे हैं उनसे
परामर्श कर अपने कार्य में सुधार लाएं।
पशु चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता
और बिलों के भुगतान पर चर्चा करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में
दवाइयों की उपलब्धता में कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक पशु
चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त संख्या में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश देते
हुए कहा कि समय रहते उन्हें दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी
अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर दवाइयों की एक्सपायरी नहीं होनी
चाहिए और दवाइयों का समुचित तथा समय पर
उपयोग होना चाहिए। अगर किसी जिले में कोई दवा काम नहीं आ रही हो तो जिन
जिलों में उसकी जरूरत है वहां भिजवाने की व्यवस्था करें। विभाग के अतिरिक्त निदेशक
डॉ सुरेश मीना ने बताया कि अप्रैल से जून तक की मांग संकलित कर क्रयादेश निदेशालय
स्तर से जारी कर दिए गए हैं, फर्मों द्वारा निरंतर सप्लाई जारी है।
सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के उपयोग की समीक्षा
करते हुए डॉ समित शर्मा ने कहा कि यह पशुपालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम
है जो पशुपालकों को चार गुना फायदा देगी। उन्होंने अधिकारियों से इस तकनीक के
उपयोग की अब तक की प्रगति की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश में
एक लाख डोजेज की सप्लाई आ चुकी है जो जिलों में वितरित कर दी गई हैं। परंतु अभी
इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। अब तक केवल 679 सेक्स सॉर्टेड
सीमन का उपयोग किया गया है। शासन सचिव ने इस काम में तेजी लाते हुए जल्द से जल्द
इसका उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को शीघ्र इसका लाभ मिल
सके।
एफएमडी टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए
डॉ शर्मा ने कहा कि टीकाकरण का काम ठीक चल रहा है परंतु पशुधन एप पर इसका इद्रांज
बहुत कम है जिससे काम का होना दिखाई नहीं दे रहा है। इस गैप को भरने का निर्देश
देते हुए शासन सचिव ने उदयपुर संभाग के जिलों को टीकाकरण के काम तेजी लाने के सख्त
निर्देश दिए जहां अभी लक्ष्य का पचास प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई है।
डॉ शर्मा ने नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं हेतु
पट्टों की उपलब्धता की प्रगति पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को निर्देश
दिए कि वे जिला कलक्टर्स से मिलकर इस संबंध में काम को गति दें। 500
उपकेंद्रों में से केवल 35 उपकेंद्रों के लिए पट्टे प्राप्त हुए
हैं जो कि बहुत ही खेदजनक स्थिति है।
डॉ शर्मा ने संस्थाओं के केपीआई आधारित 100
बिंदु रैंकिंग प्रणाली की प्रगति की समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा
कि इस प्रणाली के अनुसार पिछले महीने जिलों का प्रदर्शन असंतोषजनक रहा है। ऐसी
स्थिति दुबारा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने एक बार पुनः पशुपालन विभाग को ऊंचाई की
ओर ले जाने में सभी से अपना योगदान देने का आग्रह किया।
इस अवसर पर विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने
सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों से मासिक प्रगति रिपोर्ट निर्धारित सॉफ्टवेयर में ही भिजवाने का
आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हर ब्लॉक पर बीवीएचओ को मैन विथ मशीन और वाहन की
सुविधा दी गई है परंतु जिलाधिकारी उसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। सभी जिले यह
व्यवस्था सुनिश्चित करें जिससे काम में गति और गुणवत्ता दोनों आएगी। बैठक में
विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की प्रस्तुति दी।
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