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जयपुर । राजस्थान में गहलोत सरकार की सत्ता और संगठन में गुटबाजी लगातार जगजाहिर हो रही है। बुधवार को खुद डिप्टी सीएम सचिन पायलट के वाट्सअप ग्रुप ने एक मैसेज जारी करके यह बताया कि 11 मौजूदा विधायक और अन्य 12 कांग्रेसी नेता पायलट से सरकारी आवास पर मुलाकात करेंगे। हालांकि मुलाकात के बाद का ब्यौरा मीडिया को नहीं बताया गया। लेकिन माना जा रहा है कि आगामी संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर डिप्टी सीएम के यहां बैठक हुई थी, लेकिन इस बैठक के मैसेज के जरिये तो गुटबाजी जगजाहिर हो गई है।
वहीं अभी दो दिन पहले बीएसपी विधायकों के सरकार के विलय को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम सचिन पायलट और अन्य संगठन के पदाधिकारियों को पता नहीं चला, बीएसपी से सभी छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के राज्य सरकार में खुद के विलय होने का पत्र सौंप दिया। इसके बाद भले ही सीएम अशोक गहलोत और बीएसपी सुप्रीम मायावती के बीच ट्विटर वार छिड़ा हो, लेकिन पायलट खेमे के कांग्रेसी विधायक और संगठन के पदाधिकारी अचानक यह घटनाक्रम देखकर हक्केबक्के रह गया।
वहीं सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की दिल्ली दौड़ को लेकर हमेशा से ही ब्यूरोक्रेसी और कांग्रेसियों में बैचेनी बनी रहती है। लेकिन अब गुटबाजी जगजाहिर होने से यह साफ है कि भले ही सरकारी कार्यक्रमों के समारोह के मंचों पर गहलोत और पायलट साथ-साथ मजबूरी में नजर आए, लेकिन दोनोें के मन ही मन में सत्ता बचाने के लिए संघर्ष चल रहा है।
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