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जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भजनलाल सरकार पर चिकित्सा सेवाओं की दुर्गति करने और डॉक्टरों की जान की परवाह न करने का गंभीर आरोप लगाया है। गहलोत ने हाल ही में सामने आए दो दुखद मामलों का हवाला देते हुए सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाए हैं।
गहलोत ने कहा कि चाहे वह जोधपुर के डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या का मामला हो, या उदयपुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर रवि शर्मा की वॉटर कूलर में करंट लगने से हुई मृत्यु का मामला, दोनों ही घटनाओं में राज्य सरकार ने घोर संवेदनहीनता का परिचय दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि जब मृतक डॉक्टरों के परिजनों को न्याय पाने के लिए कई-कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन करना पड़े, और डॉक्टरों को भी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़े, तो यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने तीखा सवाल पूछा, "क्या राज्य सरकार डॉक्टरों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है?"
गहलोत के अनुसार, इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार न केवल चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता पर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि फ्रंटलाइन पर काम करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर भी उदासीन है। उन्होंने सरकार से इन मामलों में तुरंत संज्ञान लेने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
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