कंपनी विशेष को रुडसिको और यूएलबी स्तर पर फायदा पहुंचाने का खासखबर डॉट कॉम ने पहले ही कर दिया था खुलासा, 29 मई को बताया कि टेंडर रद्द करने की तैयारी है
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जयपुर। केंद्र सरकार की स्कीम अमरुत 2.0 के तहत नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स मैनेजमेंट के लिए राज्य स्तर पर किए जा रहे टेंडर को भ्रष्टाचारा निरोधक ब्यूरो में शिकायत के बाद आखिर रद्द कर दिया गया है। वैसे ज्यादातर नगरीय निकाय सरकार की पहले जारी की गई गाइड लाइंस (मॉडल आरएफपी) के आधार पर अपने स्तर पर यूडी टैक्स कलेक्शन की तैयारी कर चुकी हैं। जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, समेत कई शहरों में तो यूडी टैक्स की वसूली भी शुरू हो चुकी है।
दरसअसल, राज्य स्तर पर करीब 22 शहरों के लिए एक कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए यह टेंडर किया जा रहा था। इसमें रुडसिको और स्वायत्त शासन निदेशालय के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आऱोप लग रहे थे। इसके बाद ही राज्य सरकार ने इस टेंडर को रद्द करने का फैसला किया।
इससे पहले करीब 10 नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों को बुलाकर गहन विचार विमर्श के बाद आऱएफपी बनाई गई थी। इसके आधार पर पहले भरतपुर औऱ जोधपुर में टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इन शहरों के प्रयोग को देखने के बाद ही राज्य स्तर पर 22 शहरों के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाना तय हुआ था। लेकिन, रुडसिको के कार्यकारी निदेशक हृदेश कुमार शर्मा, महेंद्र मोहन और चीफ इंजीनियर अरुण व्यास के स्तर पर जयपुर की कंपनी स्पैरो सॉफ्टटेक को फायदा पहुंचाने के लिए शर्तो में कई तरह के बदलाव कर दिए गए। जबकि प्री-बिड में आए सुझावों को विश्लेषण के बाद इसलिए किसी निविदा की शर्तों में शामिल किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा कंपनी और ठेकेदारों को टेंडर में शामिल होने का मौका मिल सके। प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने के कारण कम दरों पर उच्च गुणवत्ता का काम हो सके।
सूत्रों का कहना है कि भले ही राज्य सरकार ने इस टेंडर को रद्द कर दिया है। लेकिन, रुडसिको और स्वायत्त शासन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा अब भी नई मॉडल आरएफपी जारी करके इस कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि प्री-बिड मीटिंग के दौरान इस कंपनी विशेष स्पैरो सॉफ्टटेक की ओर से दिए गए सभी सुझावों के आधार पर पहले टेंडर की शर्तें बदली गईं। फिर उन्हीं सुझावों को अब मॉडल आऱएफपी में शामिल किया जा रहा है। खासखबर डॉट कॉम ने टेंडर में हो रहीं विभिन्न अनियमितताओं और गड़बड़ियों को लेकर 16 मार्च, 2023 और 29 मई, 2023 को खुलासा किया था। इतना ही नहीं 29 मई, 2023 को खासखबर डॉट कॉम ने यह टेंडर रद्द करने के संकेत दे दिए थे। रुडसिको के महाप्रबंधक (वित्त) की ओर से भी इसके संबंध में तमाम शिकायतें होने के कारण टेंडर को रद्द करने की सिफाऱिश की जा चुकी थी।
उल्लेखनीय है कि जयपुर में यूडी टैक्स कलेक्शन का काम स्पैरो सॉफ्टटेक को भाजपा विधायक की सिफाऱिश पर मिला हुआ है। इस कंपनी के काम से ना तो पार्षद खुश हैं और ना ही नगर निगम राजस्व शाखा के अफसर। क्योंकि राजस्व शाखा द्वारा वसूले गए टैक्स को भी कंपनी के खाते में डालकर उसे कमीशन दिया जा रहा है। वहीं कंपनी के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसके लिए उन पर एसीबी में एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है। नगर निगम की ओर से इस पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की चेतावनी भी दी हुई है।
टेंडर की शर्तों में ऐसे हुआ खेलः
सूत्रों के मुताबिक यूडी टैक्स कलेक्शन टेंडर में टर्नओवर के साथ 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले एक शहर के बजाय 2 शहरों में टैक्स कलेक्शन के अनुभव की शर्त डाली गई है। इसके साथ ही 30 से अधिक शहरों में टैक्स कलेक्शन का अनुभव होने की शर्तें जोड़ी गईं। जबकि राज्य स्तरीय समिति से अप्रूव्ड टेंडर की मूल शर्तों में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं था।
इस तरह रुडसिको द्वारा टेंडरों में पारदर्शिता नहीं बरते जाने से राष्ट्रीय औऱ राज्य स्तरीय तकनीकी कंपनियां भी प्रतिस्पर्द्धा से बाहर हो रही थी। नगरीय निकाय अधिकारियों का कहना है कि निदेशक स्तर पर टेंडर शर्तें कैसे बदली गईं, इसकी गहन जांच की जानी चाहिए। क्योंकि इस तरह की प्रेक्टिस से बार-बार टेंडर रद्द करने पड़ते हैं औऱ काम डिले होता है।
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