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कुम्हेर में मॉडल आंगनवाडी केन्द्र भवनों का होगा सौन्दर्यकरण, मिलेगी आधुनिक सुविधाऐं
khaskhabar.com: मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 4:27 PM
भरतपुर। राज्य सरकार द्वारा कुम्हेर पंचायत समिति में समृद्ध ग्राम्य अभियान के माध्यम से संचालित 192 आंगनवाडी केन्द्रों मे से 76 आंगनवाडी केन्द्रों को मॉडल आंगनबाडी केन्द्र के रूप मे विकसित किया जायेगा। जिनमें से 66 आंगनवाडी केन्द्रों का वेदांता फाउण्डेशन एवं 10 का समृद्ध ग्राम्य अभियान द्वारा विकसित किया जायेगा। इन मॉडल आंगनवाडी केन्द्रों में भवनों का सौन्दर्यकरण, सुविधायुक्त रसोई एवं शौचालय का विकास, बच्चों के लिए फर्नीचर, खेल एवं पाठ्य सामग्री के अलावा पेयजल व विद्युत आपुर्ति सुनिश्चित की जायेगी। जिससे इन आंगनवाडी केन्द्रों मे आने वाली महिलाऐं व बच्चे सुखद, स्वच्छ व शांत वातावरण का अनुभव कर सकें और इनका आंवनवाडी केन्द्रों से निरन्तर जुडाव भी रह सके तथा इन्हें विभागिय सेवाऐं निरन्तर प्राप्त हो सकें।
समृद्ध ग्राम्य अभियान के सचिव सीताराम गुप्ता ने बताया कि कुम्हेर पंचायत समिति में वर्ष 1994 से बाल विकास परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। पंचायत समिति क्षेत्र मे स्थापित 192 आंगनवाडी केन्द्रों में से 51 विभागीय भवनों, 83 राजकीय विद्यालयों, 49 किराये के भवनों तथा 9 अन्य सरकारी भवनों मे संचालित है। इन केन्द्रों पर 1466 गर्भवती महिलाऐं 1238 धात्री और स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए 16297 बच्चों का पंजीकरण है। गर्भवती व धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के अलावा उनके स्वास्थ्य की जांच एवं टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है तथा पंजीकृत बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा, टीकाकरण व पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जाता है। कुम्हेर पंचायत समिति क्षेत्र में संचालित परियोजना के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना, मुख्यमंत्री मातृपोषण योजना व पोषण ट्रैकर के तहत् उल्लेखनीय कार्य करने की वजह से राज्य में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त किया है।
गुप्ता ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित सभी आंगनवाडी केन्द्रों मे पेयजल व विद्युत की उपलब्धता के अलावा साफ-सफाई, पूरक पोषाहार की गुणवत्ता, विभागीय समन्वय, सतत् निगरानी, संस्था की जबाब देही, ग्रामीणों की सहभागिता और कार्मिकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। संस्था सतत् प्रयास कर रही है कि परियोजना का लाभ पात्र महिलाओं व बच्चों को प्राप्त हो ताकि सरकार की इस योजना के उद्धेश्य की पूर्ति हो सके और यह परियोजना राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायी बन सके।
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