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जयपुर में एक प्लॉट से कब्जा हटवाने के लिए पैसों के विवाद में फंसे वैर विधायक बहादुर काेली
khaskhabar.com: सोमवार, 11 मार्च 2024 1:53 PM
भरतपुर। वैर विधायक बहादुर सिंह कोली जयपुर के श्याम नगर इलाके में एक प्लॉट से अवैध कब्जा हटवाने के लिए पैसों के विवाद में फंस गए हैं। आरोप है कि उन्होंने प्लॉट से अवैध हटवाने के लिए कुछ पैसा लेना तय किया था। इन्हीं पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया है।
हलैना के हंतरा निवासी देवेंद्र और पाली निवासी काैशलेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस कमिश्नर से कहकर अवैध कब्जा हटवाने पर विधायक बहादुर कोली को 10 प्रतिशत शेयर देना तय किया था। उन्होंने प्लॉट बेचने के लिए बहादुर कोली से कोई पैसा नहीं लिया है। उनके खिलाफ कोली के पीएसओ और समर्थक द्वारा अजाजजा अत्याचार निवारण का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। विधायक काेली ने बाहुबल से प्लॉट पर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की भी जा रही है। प्लाट पर कब्जे की एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
इधर, विधायक काेली का एक लेटर और देवेंद्र एवं बहादुर काेली की बातचीत का ऑडियाे भी सामने आया है। लेकिन, खासखबर डॉट कॉम इन दाेनाें की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। वहीं, कोली के पीएसओ जितेंद्र मीणा और समर्थक विष्णु महावर ने एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि एक कराेड़ रुपए एडवांस लेने के बाद भी प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है। इसमें देवेंद्र एवं काैशलेंद्रसिंह को मुल्जिम बनाया है।
बहादुर कोली ने काैशलेंद्र का बताया मालिकाना हकः
विधायक बहादुरसिंह काेली का जो लेटर सामने आया है। उसमें 21 फरवरी काे काेली ने पुलिस कमिश्नर काे पत्र लिखा है कि काैशलेंद्र सिंह मेरे विधानसभा क्षेत्र वैर का निवासी है। इन्हाेंने गफूरन से प्लॉट नंबर एफ-299 साइज 555.73 वर्गगज श्याम नगर विस्तार में 16 फरवरी काे खरीदा था। लेकिन, प्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति ने अवैध रूप से टीनशेड डालकर कब्जा कर लिया है। मालिकाना हक काैशलेंद्र के पास है। काैशलेंद्र काे प्लॉट पर स्वामित्त दिलाने का श्रम करें।
पहले 10, 25 और फिर बताया 50 फीसदी शेयरः इस प्रकरण से जुडे़ ज्यादातर लाेगाें के बयानाें में फर्क है। देवेंद्र ने प्लॉट में 10 फीसदी, काैशलेंद्र सिंह ने 25 फीसदी और विष्णु महावर की एफआईआर में 50 फीसदी शेयर की बात विधायक बहादुरसिंह, जितेंद्र फाैजदार और उदलसिंह की कही गई है। प्लॉट पर अब कब्जा विधायक बहादुरसिंह काेली एवं सहयाेगियाें है। इसकी पुष्टि देवेंद्र और जितेंद्र फाैजदार ने की है।
अवैध कब्जा हटवाने में रसूखात की शेयरिंगः दरअसल, इस प्लॉट में कई पेचदगियां थीं। गफूरन के प्लॉट पर रिश्तेदाराें का कब्जा था। उसने काैशलेंद्र के नाम एग्रीमेंट कर दिया। काैशलेंद्र और देवेंद्र प्रॉपर्टी बिजनेस पार्टनर हैं। कब्जा हटवाने के लिए पुलिस की मदद विधायक काेली के जरिए ली गई। इसके एवज में विधायक काे उनका शेयर देने का जुबानी समझाैता हुआ। पुलिस के प्रयासाें से कब्जा हटा ताे दाेनाें पक्ष तय समझाैते से मुकर गए। क्याेंकि प्लॉट की बाजार कीमत 5 से 7 कराेड़ रुपए बताई। इसलिए एक कराेड़ पेशगी देने का लीगल दस्तावेज नहीं है। ऐसे में रजिस्ट्री और कब्जे काे लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई।
गफूरन के प्लॉट पर था उसके रिश्तेदाराें काे कब्जाः जयपुर के श्यामनगर विस्तार साेडाला में 555.73 वर्गगज प्लाट शमीम अख्तर आरएएस के नाम था। उसने 2003 में वसीयत केयर टेकर गफूरन के नाम कर दी थी। बाद में यह प्लॉट गफूरन के नाम हाे गया। उससे पाली निवासी काैशलेंद्र सिंह ने अपने नाम एग्रीमेंट करवा लिया। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्रसिंह का कहना है कि इस प्लॉट के लिए पहले 10 लाख और बाद में 90 लाख रुपए दिए गए। 6 मार्च काे प्लॉट की रजिस्ट्री देवेंद्र और काैशलेंद्र ने अपने नाम करा ली। गुरुवार काे जब विधायक बहादुर कोली और अन्य लोग प्लॉट देखने गए ताे देवेंद्र और काैशलेंद्र ने विधायक एवं अन्य लोगों से बदसलूकी की। राेकने पर पीएसओ की पिस्टल छीनने की काेशिश की। जिसका मामला विष्णु महावर और पीएसओ जितेंद्र मीणा ने पुलिस में दर्ज कराया है।
जांच एसीपी करेंगे :एसएचओ शुक्रवार काे एफआईआर दर्ज हाे गई थी। उसमें थ्री-एक्ट की धाराएं भी हैं। इसलिए एसीपी साेडाला ही इस मामले की जांच करेंगे।
-अजयसिंह, एसएचओ श्यामनगर, जयपुर
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