मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताते हुए गुरुवार को कहा कि इससे राज्य सरकार पर अदालत की मंजूरी की मुहर लग गई है और वे सही साबित हुए हैं। राहत महसूस कर रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और खुशी से चमकते उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पतन की भविष्यवाणी करने वाले सब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खामोश हो गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार को जून 2022 में गिराने के 11 महीने बाद दोनों ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.. यह उम्मीद के अनुरूप था। हम खुश हैं, हमारी बात को देश की सर्वोच्च अदालत ने बरकरार रखा है।
शिंदे ने कहा कि इन महीनों में विपक्ष अफवाहें फैला रहा था कि सरकार अवैध और असंवैधानिक है और कभी भी गिर जाएगी, लेकिन उनकी सभी भविष्यवाणियां झूठी साबित हुईं।
उन्होंने कहा, लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है और बहुमत हमारे पास है.. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि देश में एक संविधान है और कोई भी उससे आगे नहीं जा सकता। यह स्पष्ट है कि हमने जो सरकार बनाई है वह कानून के दायरे में है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर शिंदे ने तंज कसते हुए कहा कि वह (ठाकरे) जानते हैं कि उन्होंने बहुमत खो दिया है और उनके पास अपना पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
शिंदे ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे ने इसे एक सैद्धांतिक रुख के रूप में साबित करने का प्रयास किया, लेकिन हमने नैतिकता को संरक्षित रखा है, और बालासाहेब ठाकरे के आदशरें द्वारा गठित शिवसेना को बचाया, जिसे उन्होंने (उद्धव ठाकरे) कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास गिरवी रख दिया था।
शिंदे ने खुद समेत 16 विधायकों की अयोग्यता की बात का जिक्र करते हुए कहा कि अब इस पर अंतिम फैसला विधानसभा अध्यक्ष (राहुल नार्वेकर) द्वारा कानून के तहत लिया जाएगा।
शिंदे ने कहा, आज, हमारी सरकार को पूर्ण बहुमत वाली सरकार के रूप में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल गई है.. हम फैसले का स्वागत करते हैं।
फडणवीस ने इसे लोगों और लोकतंत्र की जीत करार दिया और सुप्रीम कोर्ट ने एमवीए के खिलाफ ज्वार को पूरी तरह से बदल दिया है।
फडणवीस ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि उद्धव ठाकरे को फिर से सीएम नहीं बनाया जा सकता है। 16 विधायकों की अयोग्यता का अधिकार महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के पास है, जिन्हें इस पर निर्णय लेना है। एससी ने इसमें हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
उन्होंने ठाकरे पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि यह महसूस करने के बाद कि उनके पास बहुमत नहीं है, उन्होंने (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया और फिर एक उच्च नैतिक आधार लिया।
फडणवीस ने तीखे लहजे में कहा, ''जिन लोगों ने भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिला लिया, उन्हें दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है।''
मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में शिवसेना-भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर उच्चतम न्यायालय का बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाए जाने के बाद जश्न मनाया, मिठाइयां बांटी और एक-दूसरे को बधाई दी।(आईएएनएस)
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