नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले मामले में भारत सरकार को एंटीगुआ से बड़ा झटका लगा है। एंटीगुआ सरकार ने साढ़े चौदह हजार करोड़ रुपये घोटाले का मास्टरमांइड मेहुल चोकसी वापस भारत लौटाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही आम जनता का हजारों करोड़ रुपया अब पानी मे डूब गया है और पैसा वापसी की अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है। भारत सरकारी ने एंटीगुआ सरकार ने जो सवाल पूछे हैं उनका जवाब तक नहीं भेजा गया है। साथ ही अभी तक चोकसी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस भी जारी नहीं हुआ है।
भारत सरकार ने मेहुल चोकसी को लेकर एंटीगुआ प्रशासन से तीन रिक्वेस्ट की थी। जिनमें कहा था कि चोकसी को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया जाए उसका पासपोर्ट रद्द किया जाए और उसे भारत प्रत्यार्पण किया जाए। इस पर एंटीगुआ प्रशासन ने भारत की तीनों रिक्वेस्ट को सिरे से नकार दिया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत को दिए जवाब मे एंटीगुआ प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ के प्रावधानो के मुताबिक नागरिकता दी गई है। इसलिए एंटीगुआ का कानून उसकी हिफाजत करता है, इसलिए उसका प्रत्यार्पण नहीं किया जा सकता ना ही उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। भारत के साथ कोई सीधी प्रत्यार्पण संधि नहीं है और एंटीगुआ राष्ट्रमंडल देशो के नियम के तहत भारत का दावा नहीं मानता है।
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