गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मंगलवार को कहा कि राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।
यहां खानापारा खेल के मैदान में आयोजित समारोह में बोलते हुए, सरमा ने कहा, “असम में एएफएसपीए को पहले ही कई जिलों से हटा दिया गया है। राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है और जल्द ही पूरे असम से यह कानून पूरी तरह हटा लिया जाएगा।'
उनके मुताबिक यह राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
उन्होंने कहा, “रेल नेटवर्क से लेकर सड़कों के विकास तक, क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। अब, पूर्वोत्तर के अधिकतम राज्य ब्रॉड गेज रेल लाइन से जुड़ गए हैं।''
सरमा ने यह भी कहा कि अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ असम के सीमा विवाद समाधान तक पहुंच रहे हैं।
“प्रधानमंत्री के समर्थन से, मुझे उम्मीद है कि पूर्वोत्तर में सीमा विवाद पूरी तरह से हल हो जाएंगे। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
सरमा ने राज्य में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सुधारों का भी संकेत देते हुए कहा कि कोई उप-विभाजन नहीं होगा, बल्कि इसे उप-जिलों में बदल दिया जाएगा।
“प्रशासन मंडलों, ब्लॉक पुनर्गठन और पंचायतें कैसे कार्य करेंगी, इस पर निर्णय लेगा। प्रशासनिक सुधारों को लागू करना जरूरी होगा और हमें इस पर दो महीने तक लगातार काम करना होगा।'
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार बहुत कम समय के भीतर सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षण पदों को नियमित करने जा रही है।
उन्होंने कहा, ''जो लोग प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में संविदा शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं, शिक्षा विभाग थोड़े समय में उनकी सेवाओं को नियमित कर देगा।''
(आईएएनएस)
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