चित्तौडगढ़़। देश का मुसलमान सदैव अपने मुल्क के साथ है और वक्त आने पर सीमा पर खड़ा होने को तैयार है। सरजमीन की सुरक्षा के लिए सभी मुसलमान जान कुर्बान करने के लिए तैयार है। जरूरत है मुल्क के हुक्मरानों को निर्णय लेने की। जैसे ही सरकार कोई कदम उठाएगी तो मुसलमान आतंकवाद और देश के दुश्मनों के खिलाफ एकजूट होकर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा। यह बात शनिवार को सूफी संस्थान ऑल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद अशरफी ने खबरनवीसों को बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान जब किसी दूसरे मुल्क में जाता है तो उससे उसकी जाति, धर्म के बारे में नहीं पूछा जाता, बल्कि उसे हिन्दुस्तानी ही जाना जाता है। उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने के लिए आतंकवाद की जड़ नष्ट करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पेड़ की पत्तियां तोडऩे से पेड़ नहीं सूखता, बल्कि उसकी जड़ को खत्म करना होता है और उन्होंने आतंकवाद की जड़ पर हमला करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मुसलमान को शक की निगाह से देखा जाता है, जबकि हमें हिन्दुस्तानी होने के लिए सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। गोहत्या के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में जितने कत्लखाने संचालित हो रहे हैं, उन्हें बंद कर विदेशों में निर्यात पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, ताकि गाय की हत्या बंद हो सके। उन्होंने कहा कि जरूरत है ठोस कदम की, उसके बाद ही गो हत्या का कानून प्रभावी काम कर पाएगा।
मुस्लिम आतंकवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि विदेशों से भारत के खिलाफ साजिश रखकर कुछ लोग बरगलाए जा रहे हैं और देश को इन लोगों को कड़ा जवाब देना चाहिए। उन्होंने सभी धर्म और जातियों के लोगों को एक बताते हुए कहा कि देश का मुसलमान भी वही अनाज खाता है और देश की धरती से हुई उपज का खून भी उसकी रगों में बहता है तो फिर वह मुल्क से अलग कैसे हो सकता है। वे बूंदी रोड़ स्थित सरदार सैय्यद अमहद अशरफी साहब के सालाना उर्स में शरीक होने चित्तौडगढ़़ आए थे।
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