कानपुर। चुनावी बिगुल बजने के पहले से ही बहुजन समाज पार्टी लगातार मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने के लिए बयानबाजी कर रहीं है। तो वहीं अब चुनाव की घोषणा के बाद कानपुर में चुनावी रैली के लिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र को चुना है।
समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह व नोट बंदी के चलते भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। तो वहीं बसपा जमीनी स्तर पर तैयारी कर रही है खासतौर पर मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए। जिसके लिए पार्टी ने आठ दर्जन से अधिक मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान पर उतारा है। इसी के तहत कानपुर में होने वाली चुनावी रैली को भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र जाजमऊ में रखा गया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कोआर्डिनेटर अशोक सिद्धार्थ ने बताया बहन जी की रैली कानपुर में 15 से 20 जनवरी के बीच होगी पर यह निश्चित नहीं है कि जाजमऊ में होगी या और कहीं। लेकिन जैसे ही लखनऊ से तिथि व स्थान निश्चित होते है, वैसे ही हम जिला प्रशासन ने अनुमति के लिए आवेदन करेंगे। बताया कि बहन जी कानपुर जोन की 27 सीटों के फतह के लिए यहीं से पब्लिक को संबोधित करेंगी। बताते चलें कि पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में बसपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। कुल 27 सीटों में एक सीट कानपुर की सिकंदरा ही खाते में आ सकी। पर अब वह भी नहीं है यहां के विधायक इन्द्रपाल सिंह भाजपा में जा चुके हैं। ऐसे में मायावती की रणनीति होगी कि मुस्लिमों को अधिक से अधिक अपने पक्ष में किया जा सके।छह लाख मुस्लिम मतदाताओं पर नजरकानपुर नगर की 10 विधान सभाओं में लगभग छह लाख मुस्लिम मतदाता है। जो पार्टी के लिए अहम हो सकते हैं। इसी को देखते हुए पार्टी की नजर इन वोटों पर टिकी हुई है। तीन विधान सभाओं में तो जीत का पूरा दारोमदार भी रखते हैं। जोनल कोऑर्डिनेटर नौशाद अली का दावा है कि नब्बे प्रतिशत मुस्लिम मतदाता इस बार बसपा के पक्षम में मतदान करने जा रहा है।
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