उदयपुर। रुचिका हत्याकांड मामले का पुलिस ने आखिरकार खुलासा कर दिया। 1 दिसंबर को शोभागपुरा क्षेत्र के ऑर्बिट काम्पलैक्स-1 की सातवी मंजिल के फ्लैट 702 में महिला अधिवक्ता रुचिका गुप्ता की खून सनी लाश मिलने के बाद आरोपी तक पहुंचने में लगी पुलिस पिछले 2 दिन से घूम रही थी। तहकीकात में कभी रुचिका के पति केबी गुप्ता के विरोधाभासी बयानों के कारण पति को हत्यारा माना जा रहा था, तो कभी हत्या के दिन से ही अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 802 में रहने वाले दिव्य कोठारी के भाग जाने के कारण शक की सुई उस पर भी जाकर अटकी। पुलिस कभी इस हत्या को पति-पत्नी के झगड़ों का परिणाम मान रही थी तो कभी ओनर किलिंग से जोडक़र भी देख रही थी।
आखिरकार रुचिका, केबी गुप्ता और दिव्य कोठारी की मोबाइल लोकेशन और डिटेल्स आने के बाद दिव्य कोठारी की इस हत्या में पूर्ण रूप से संलिप्तता जाहिर होने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, हालांकि हिरासत में लेने से पहले दिव्य कोठारी खुद फतेहपुरा चौकी गया और रुचिका की हत्या करना कुबूला था, लेकिन पुलिस ने इस बात पर विश्वास नहीं किया और पुष्टि करने के लिए दिव्य के फ्लैट की तलाशी ली, जिसमें पुलिस को रुचिका के खून से सने कपड़े बरामद हुए। साथ ही पुलिस और एफ़एसएल टीम ने दिव्य कोठारी की चप्पल और पैरों की अंगुलियों के बीच एवं नाखूनों की जांच की तो उनमें लगा खून रुचिका का ही पाया गया। इन सबूतों के बाद पुलिस ने शनिवार शाम मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दिव्य कोठारी साइको प्रवृत्ति का है और अपने इस सनकीपन के चलते ही उसने रुचिका की हत्या की थी।
सनकीपन में इतने वार किए कि खुद को भी नहीं पता
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