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पेइचिंग । पिछले साल दिसंबर के महीने में जिस कोरोना महामारी ने चीन के वुहान शहर में दस्तक दी थी, और अगले कुछ ही हफ़्तों में इस महामारी ने पूरे चीन को अपनी चपेट में ले लिया था, जहां एक तरफ़ कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी और पूरा चीन इस बीमारी से पंगु बन गया था, वहीं अब चीन में हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं।
चीन की सरकार ने भी ताबड़तोड़ तरीकों से कोरोना वायरस से अपने देश को बचाने की अथक कोशिश की और दर्जनों एहतियाती कदमों को लागू किया, इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि चीन में सख्त कानून होने के बावजूद लोगों ने स्वेच्छा से कानून का पालन किया क्योंकि यहां पर लोग जीवन को बहुत गंभीरता से लेते हैं। शायद यही कारण है कि चीन सरकार द्वारा अपनाए गए सारे कदम सफलता के साथ पूरे हुए।
वुहान में चीन सरकार ने महज़ 7 दिनों में 1000 बिस्तरों वाला एक अस्पताल खड़ा कर दुनिया के सामने कोरोना वायरस से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता से चकित कर दिया। देश भर से मेडिकल कर्मियों के साथ डॉक्टरों की भारी तादाद उस समय वुहान पहुंचने लगी थी, जिसने दिन रात लोगों की जान बचाने के लिये काम किया। आज समाचार मिला है कि वुहान से सारी मेडिकल टीमें अपने शहरों में वापसी करने लगी हैं। ये बताते हैं कि हालात कितनी जल्दी सामान्य हो रहे हैं।
वहीं पश्चिमी देशों ने नोवेल कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लिया जिसका परिणाम आज हम इटली, स्पेन, ईरान और अमेरिका समेत कई देशों के इसकी चपेट में आने से देख रहे हैं। इन सारे देशों में राष्ट्रीय आपदा की घोषणा हो चुकी है, लोग अब मजबूर हैं कानून को मानने के लिये।
चीन के कुछ समाचार पत्रों की अगर माने जो चीन ने कोरोना वायरस से लड़ने के अपने अनुभवों के आधार पर लिखा है तो भारत में कोरोना वायरस का असली प्रभाव 5 अप्रैल के बाद देखने को मिलेगा क्योंकि चीन में भी पहले केस के लोगों के सामने आने के तीन सप्ताह के बाद इसने अपना असल रंग दिखाया था।
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