बाड़मेर। जल दिवस के अवसर पर स्थानीय मदर टेरेसा सीनियर सैकंडरी स्कूल में देश के नेशनल रिकॉर्ड के लिए एक अनूठा आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर में 2 हजार विद्यार्थियों ने सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर स्लोगन लिखने शुरू किए और दो घंटे में 25 हजार श्लोगन लिखे। यह अपने आप में अनूठा रिकॉर्ड है।
सीसीडीयू के आईईसी कन्सलटेन्ट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया कि विश्व जल दिवस के मौके पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, केयर्न इंडिया और सीसीडीयू के तत्वावधान में आयोजित विश्व जल सरंक्षण सप्ताह के आगाज पर गुजरात के राजकोट जिले के पाठक स्कूल में 10 जनवरी, 2015 को एक हजार विद्यार्थियों और 150 अध्यापकों द्वारा 5 घंटे में 5750 श्लोगन लिखने के रिकॉर्ड को तोडऩे का प्रयास किया गया। श्लोगन रायटिंग में विद्यालय के 2000 बच्चों ने पूर्व में बने रिकॉर्ड को महज दो घंटे में तोड़ते हुए 25 हजार श्लोगन लिखे।
आयोजन और नए नेशनल रिकॉर्ड के लिए हुए दावे पर यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर प्रियंका चौधरी ने कहा कि बाड़मेर के बच्चों ने सही मायने में यह आज साबित कर दिया है कि पानी के लिए हर कोई सजग है। 25 हजार श्लोगन लिखने के नए रिकॉर्ड के आयोजन के आधार पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, केयर्न इंडिया के नेमाराम परिहार और डॉक्टर उमा बिहारी द्विवेदी ने बच्चों के प्रयास से बाड़मेर के नाम नई उपलब्धि हासिल होने को यादगार बताया। राजपुरोहित ने बताया कि देश में सबसे जुदा, सबसे अलग करने वालों को मंच देने वाली लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए बुधवार का रिकॉर्ड भेजा जाएगा। आवेदन के लिए सभी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। आयोजन में सभी का एक चित्र कैप्चर करने के लिए एरियल शूट भी करवाया गया। आवेदन जल्द लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा।
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