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अलवर। जिले की उद्योग नगर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹25,000 के इनामी बदमाश नासिर मेव सद्दीक खां (42) को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अंतर्राज्यीय ठगी और वाहन चोरी के एक बड़े गिरोह के पर्दाफाश का संकेत है।
नासिर मेव हरियाणा के नूंह मेवात का निवासी है और फर्जी चेसिस नंबर, नंबर प्लेट, जाली दस्तावेज़ व ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर ट्रांसपोर्ट के ज़रिए कंपनियों का लाखों का माल चोरी कर खुर्द-बुर्द करने का मास्टरमाइंड था।
एसपी संजीव नैन ने बताया कि इस गिरफ्तारी से एक बड़े ठगी और वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मामले की शुरुआत 23 जनवरी को हुई थी, जब अडानी कंपनी, उद्योग नगर से सरसों के तेल से भरा एक ट्रक कोलकाता के हुगली के लिए निकला था, जो माल सहित गायब हो गया और ड्राइवर का भी कोई अता-पता नहीं चला। इस संबंध में उद्योग नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था।
इस गंभीर मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजपाल सिंह के निर्देशन, वृत्ताधिकारी रामगढ़ सुनील प्रसाद शर्मा के पर्यवेक्षण और थानाधिकारी उद्योग नगर अजीत सिंह बडसरा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
इस टीम ने अथक प्रयास करते हुए कुख्यात अपराधी नासिर मेव को धर दबोचा।
पुलिस को मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर नाकाबंदी की गई। आरोपी नासिर मेव अपनी अलकजार गाड़ी से भागने का प्रयास कर रहा था। नाकाबंदी में लगे कीलें (स्पाइक स्ट्रिप) लगने से उसकी गाड़ी के चारों टायर फट गए, लेकिन वह फिर भी 10 किलोमीटर तक गाड़ी भगाता रहा। पुलिस टीम ने उसका पीछा किया और नाटकीय अंदाज़ में उसे दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अनुसंधान से एक ऐसे संगठित गिरोह का पता चला है जो नासिर के नेतृत्व में काम करता था। यह गिरोह ट्रकों के चेसिस नंबर बदलकर फर्जी दस्तावेज़ बनाता था और ट्रांसपोर्टरों के ज़रिए कंपनियों से महंगा माल भरकर उसे खुर्द-बुर्द कर देता था। इस गिरोह में ड्राइवर के लाइसेंस से लेकर उसकी पहचान तक फर्जी रखी जाती थी। पुलिस से बचने के लिए पुख्ता योजनाएं तैयार की जाती थीं और वारदात के लिए विशेष मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था। वारदात के बाद ट्रक का हुलिया फिर से बदल दिया जाता था और उसे दूसरी वारदात में इस्तेमाल किया जाता था या महाराष्ट्र के तस्कर जावेद को बेच दिया जाता था।
यह गिरोह स्थानीय स्तर पर फर्जी चेसिस नंबर, इंजन नंबर और नंबर प्लेट लगाकर गाड़ियां खुर्द-बुर्द करने के अलावा, असम और नागालैंड से गाड़ियों की एनओसी (No Objection Certificate) लेकर उन्हें राजस्थान में पंजीकृत करवाता था। फिर यहां की गाड़ियों पर उपरोक्त चेसिस और इंजन नंबर व नंबर प्लेट लगाकर लोन उठाया जाता था, जिसे फर्जी तरीके से असली की तरह चलाया जाता था या चोरी की झूठी रिपोर्ट करवाकर इन गाड़ियों को कटवा दिया जाता था।
इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों में नाजिर निवासी पाटखोरी, जयपुर (आरटीओ में दलाली का काम), विक्रम गुर्जर निवासी शाहपुरा जयपुर, रफी अडबर और जावेद निवासी महाराष्ट्र शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपी नासिर मेव से घटना में प्रयुक्त अलकजार गाड़ी, चेसिस नंबर बदला हुआ एक ट्रक और फर्जी आर.सी. बरामद की है। इससे पहले चोरी किए गए 259 सरसों तेल के डिब्बे भी बरामद किए जा चुके हैं। गिरफ्तार आरोपी नासिर मेव के खिलाफ राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी को अंजाम देने वाली टीम में थाना उद्योग नगर से एसएचओ अजीत सिंह बडसरा, सहायक उप-निरीक्षक महावीर सिंह, हेड कांस्टेबल खैमसिंह, कांस्टेबल निजामुद्दीन, सद्दाम (विशेष भूमिका), राकेश कुमार, देवकी नंदन, थाना नौगांवा से कांस्टेबल देवेंद्र (विशेष भूमिका) और डीएसटी से हेड कांस्टेबल दयाराम शामिल थे। अलवर पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।
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