सुप्रीम कोर्ट ने गत 29 अक्टूबर को अयोध्या केस की सुनवाई उचित पीठ के समक्ष जनवरी 2019 से करने का आदेश दिया था। इस फैसले पर राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे साधु संत समाज ने नाराजगी जाहिर की और सरकार पर दबाव बनाया। साधु संत समाज ने अध्यादेश के जरिए मंदिर का निर्माण करने की बात कही। इस दौरान अखिल भारत हिंदू महासभा ने अयोध्या मामले की त्वरित गति से सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस बारे में फैसला पहले ही दे चुका है।
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