नई दिल्ली । भारतीय थल सेना की 15 वी कोर, जो चिनार के नाम से भी जानी जाती है, उसके सेना नायक ले. जनरल डी पी पांडे को गणतंत्र दिवस पर उत्तम युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया।
विशिष्ट एवं अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित सेना के तीन सितारा, जनरल पांडे मूलरूप से गोरखपुर जिले के निवासी हैं, इस उपलब्धि ने उनके ताज में एक और सितारा जड़ दिया है।
जनरल पांडे ने जबसे पंद्रहवीं कोर के जीओसी की कमान सम्हाला है, तब से घाटी में डर और भय के माहौल में कमी आई तथा गुणात्मक सुधार हुआ है और नागरिकों में सरकार तथा सेना प्रति भरोसा भी पैदा हुआ है।
संवाद के जरिए ले जनरल पांडे ने जिस तरह से सफेदपोश आतंकवादियों पर पर प्रहार किया है वो उनकी विलक्षण नेतृत्व एवं कुशल रणनीतिक क्षमता को परिलक्षित करता है, आवश्यकता पड़ने पर वो बंदूक के जरिए जनता में खौफ कायम करने वालों पर लोहे के हाथों का उपयोग करने से भी परहेज नहीं करते हैं।
अपनी अनूठी कार्यशैली से जनरल पांडे ने कश्मीर घाटी में सिविल सोसायटी के साथ बहुत ही सकारात्मक और मानवीय रिश्ता बनाने का काम किया है, उन्होंने दुर्गम इलाकों में कठिन जीवन बिताने वाले कश्मीरी नागरिकों तक सेना की मानवीय सेवाओं को पहुंचा कर उन्हें देश की मुख्य धारा में शामिल करने का काम किया है, भारतीय सेना संवेदनशील होने तथा जनता के प्रति समर्पण का यह एक अनुकरणीय उदाहरण है।
आतंकवाद के असर को न्यूनतम करने के लिए जनरल पांडे ने आतंकवाद से लड़ने के लिए जो समन्वय सेना, पुलिस अर्ध सैन्य बल और सामाजिक संगठनों के बीच तालमेल बनाने का काम किया है, उससे भविष्य के एक बेहतर और समृद्ध कश्मीर की तस्वीर नजर आने लगी है।
ले जनरल डी पी पांडे चुनौतियों को स्वीकार कर उससे दो दो हाथ करने वाले योद्धा है, उनके योगदान के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।
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