आपको यह जानकर हैरानी हो कि इस बरगद की 3,372 से अधिक जटाएं जड़ का रूप ले चुकी हैं। 1884 और 1987 में आये 2 चक्रवाती तुफानों से इस बरगद को काफी नुकसान पहुंचाया। साल 1925 में इस विशाल बरगद की मुख्य शाखा में फंगस लग गया, जिसके बाद मुख्य शाखा को काटना पड़ा, लेकिन इतना कुछ झेलने के बाद भी ये बरगद आज शान से अपनी जगह पर अडिग और अटल खड़ा है। ये बरगद पक्षियों की 87 अलग-अलग प्रजातियां का घर भी है।
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