चंडीगढ़। कल कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद हल्का
बाबा बकाला से कांग्रेस द्वारा संतोख सिंह को टिकेट देने के बाद तीन बार
विधायक रह चुके कांग्रेस के महासचिव और टिकेट के दावेदार रणजीत सिंह
छीज्जलविंडी ने बगावत कर आज़ाद लड़ने की घोषणा कर दी है। उनके साथ 35 गाँवों
के सरपंचों ने भी उनके साथ जाने की घोषणा कर दी है। उनके साथ बाबा बकाला
यूथ की टीम ने भी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। जिसके बाद इस हलके
से कांग्रेस को नुक्सान उठाना पड़ सकता है। [@ बादल बहू की धमकी- इशारा किया तो जिंदा नहीं रहेंगे ‘आप’ नेता]
पहले अकालीदल में सीनियर नेता रह चुके रणजीत सिंह दो बार
विधायक भी रह चुके है और कांग्रेस में महासचिव के पद पर काबिज है। लंबे
समय से कांग्रेस के साथ रह चुके रणजीत सिंह को विशवास था कि उनकी हलके में
पैठ के चलते और उनके कार्यों को देखते हुए पार्टी इस बार उन्हें विधानसभा
की इस हलके से टिकेट जरूर देगी। पार्टी ने उन्हें दरकिनार करते हुए
यहाँ से कल कांग्रेस के अन्य नेता संतोख सिंह को टिकेट दे दी। इसके बाद से
रणजीत सिंह और उनके साथ जुड़े हलके के 35 सरपंच और अन्य नेता पार्टी से मुँह
मोड़ते हुए आज़ाद लड़ने का फैसला ले लिया है। रणजीत सिंह ने दावा किया कि अगर
उन्हें सीट नहीं दी गई तो पार्टी की इस हलके से हार पक्की है और वे आज़ाद
लड़ेंगे।
वही इसी हलके से काँग्रेस यूथ के नेता सतिंदर सिंह ने कहा कि रणजीत
सिंह को टिकेट न देने के पार्टी के फैसले से यूथ भी संतुष्ट नहीं है और
पार्टी के इस फैसले से नाराज़ है। जिसके चलते वो और उनकी टीम अपने पदों से
इस्तीफे दे कर रणजीत सिंह का साथ देंगे।
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