असगर नकी, अमेठी। कहने को तो ये वीवीआईपी जिला है, लेकिन यहां समूचे जिले की
स्थिति गांव-देहात से भी बदतर है। इसकी वजह ऑफिसर्स की लापरवाही है जिनकी अनदेखी
के चलते अमेठी की सड़कों पर दौड़ते ओवरलोड स्कूली वाहन है। जिसके चलते कभी भी एटा जैसा
बड़ा हादसा हो सकता है। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे]
खस्ताहाल सड़कों पर उड़ती मानकों की धज्जियां
अमेठी जनपद की सड़कों पर मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूली वाहन चल रहे हैं।
जबकि स्कूल वाहन के लिए केवल बसें ही अनुमन्य हैं। इसके बाद भी तीन पहिया टेंपो,
मानव चालित रिक्शा, मैजिक वैन और तमाम छोटी-बड़ी गाड़ियां स्कूल वैन के नाम पर
बच्चों को ढो रही हैं। इन ओवरलोड स्कूल वाहनों के चलते नौनिहालों की जान हमेशा
खतरे में बनी रहती है।
एटा हादसे की खामी क्षमता से ज्यादा बच्चे
एटा जिले में हुए हादसे की गहराई में जायें तो पता चलता है कि इस हादसे के लिए कई
स्तर की खामियां जिम्मेदार हैं। सबसे बड़ी खामी यह रही कि जो ट्रक स्कूल वैन से
टकराया उसे उस रास्ते पर चलने की दिन में अनुमति ही नहीं थी। इसके अलावा स्कूल वैन
में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाया गया था।
जरा-सी चूक दे सकती है हादसे को अंजाम
स्कूली बच्चों को क्षमता से अधिक भरकर ऑटो रिक्शा व अन्य वाहन शहर से गुजर रहे है।
एनएच- 57 सहित मुसाफिरखाना, वारिसगंज, जामो, जगदीशपुर, शुकुल बाजार की सड़कों
पर सरपट दौड़ते देखे जा सकते हैं। इस बीच मार्ग पर कोई गड्ढा न दिखने पर या चालक
के जरा-सी चूक में नियंत्रण खो देने पर बड़ा हादसा हो सकता है। सबसे ज्यादा ऑटो
रिक्शा के पलटने की संभावना रहती है।
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