रांची। झारखंड की विपक्षी पार्टियों ने रघुवर दास सरकार पर 2012 की बिजली
नीति बदलकर राज्य में अडानी पॉवर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। झारखंड
की कैबिनेट ने सोमवार को 2012 की बिजली नीति में कुछ बदलाव किए थे।
पहले की नीति के अनुसार कोई भी बिजली कंपनी जो झारखंड में संयंत्र लगाएगी,
उसे 25 फीसदी बिजली राज्य को देनी होगी। उस 25 फीसदी में से 13 फीसदी
झारखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा तय की गई दरों पर देना होगा
तथा बाकी का 12 फीसदी उत्पादन दर पर देना होगा।
अब नई नीति के मुताबिक बिजली कंपनी को 12 फीसदी बिजली उत्पादन लागत पर देनी
होगी और केवल तभी देनी होगी, जब झारखंड राज्य खनन विकास निगम से उसे सस्ती
दर कोयला मुहैया कराया हो।
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