शालिग्राम संग ब्याही तुलसी
शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में
देवउठनी एकादशी पर धूप झांकी के बगाद शालिग्रामजी की पूजा अर्चना की गई।
मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि महंत अजंन कुमार गोस्वामी के
सानिध्य में शालिग्रामजी को चांदी के रथ में विराजमान की ,उन्हें तुलसी
मंच तक लाया गया। शालिग्रामजी व तुलसी का विवाह हुआ। मंदिर परिसर में मंगला
झांकी से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। चौड़ा रास्ता स्थित श्री राधादामोदर जी
में शाम को दमोदर स्वरुप शालिग्रामजी को जगमोहन में लाया गया। यहां
पंचामृत अभिषेक के बाद श्रृंगार आरती की गई। इसके बाद शालिग्रामजी का तुलसी
से विवाह कराया गया। चांदनी चौक स्थित श्री आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर में
शंखनाद से ठाकुरजी को जगाया गया। पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस
अवसर भगवान की मनोरम झांकी सजाई गई। गलता गेट स्थित गीता गायत्री गणेश में
मदिर में घंटे घडियाल बजाकर देवों को उठाया गया। प्रवक्ता राजकुमार
चतुर्वेदी ने बताया कि माता गायत्री, माता दुर्गा , बाबा श्याम एवं भगवान
गणेश का विभिन्न प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक कर नतून पोशाक धरान कराकर
भगवान को अन्न्कूट का भोग लगाकर भक्तों को पंगत प्रसादी दी गई। बड़ी चौपड़
स्थित लक्ष्मीनारायणजी मंदिर में महंत परुषोत्तम भारती के सानिध्य में
ठाकुर जी का अभिषेक कर नूतन पोशाक धारण कराई गई। बाद में तुलसी-शालिग्रामजी
का विवाह कराया गया।
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