कहानी: फिल्म
की कहानी में दो किरदार एक दूसरे के बिल्कुल विपरित हैं। कहानी है
इंदर(हर्षवर्धन राणे) और सरस्वती पार्थसारथी उर्फ सरू (मावरा होकेन) की।
इंदर एक गुस्सैल, शराबी और भटका हुआ लडका है। उसके ऊपर मर्डर का इल्जाम है।
वह अपने पिता का आलिशान बंगला छोडकर एक बिल्डिंग में रहता है। वहीं सरू एक
संस्कारी तमिल ब्राह्मण फैमिली से हैं। दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते
हैं। जहां इंदर किसी से प्यार नहीं करना चाहता वहीं सरू प्यार तो करना
चाहती है लेकिन कोई उससे प्यार नहीं करता। सरू के पिता इंदर को उस बिल्डिंग
से निकालना चाहते हैं। एक दिन सरू के पिता अपनी बेटी को इंदर के घर में
देख लेते हैं तो वे अपनी बेटी सरू को ही घर से निकाल देते हैं। इसके बाद
इंदर ही सरू का सहारा बनता है। सरू अपने एक कलिग से प्यार करती है लेकन
उसका कलिग उसको प्यार नहीं करता क्योंकी सरू की इमेज बहनजी टाइप की होती
है। इस पर इंदर उसका मेकओवर करता है। इंदर उस लडकी को उसके प्यार से मिलाने
की कोशिश करता है लेकिन यहां भी कहानी में टि्वस्ट है। आखिरकार इस लव
स्टोरी को अलग अंजाम मिलता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पडेगी।
क्यों देखें: दमदार अभिय, शानदार लोकेशन और कर्णप्रिय संगीत।
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