अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने चिन्ता जताई है कि परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए ईरान द्वारा पूर्ण रूप से सहयोग मुहैया नहीं कराया गया है, और इस वजह से देश की परमाणु गतिविधियों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने के प्रयासों में रुकावटें आ रही हैं. यूएन परमाणु एजेंसी के महानिदेशक राफ़ाएल ग्रोस्सी ने सोमवार को बताया कि ईरान के पास उच्च स्तर पर संवर्धित यूरेनियम की मात्रा बढ़ती जा रही है, और उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े सवालों का जवाब उपलब्ध न होना, एक गम्भीर मुद्दा है.“जब तक ईरान, लम्बित ऐहतियाती मुद्दों के निपटारे में सहयोग नहीं करती है, तब तक एजेंसी यह आश्वासन देने की स्थिति में नहीं होगी कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूर्ण रूप से शान्तिपूर्ण है.”राफ़ाएल ग्रोस्सी ने IAEA के प्रशासनिक बोर्ड को सम्बोधित करते हुए यह बात की है, जिसमें फ़्राँस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 35 देश हैं. Tweet URL
भरोसे की कमीIAEA के अनुसार, पिछले कई वर्षों से जारी विचार-विमर्श के बावजूद, वरामिन, मरिवान और तुर्कुज़ाबाद में स्थित प्रतिष्ठानों में मानव-निर्मित यूरेनियम के कण मिले हैं. इन तीनों स्थलों पर इसकी मौजूदगी के लिए कोई भरोसेमन्द तकनीकी वजह नहीं बताई गई है.इस आकलन के आधार पर, यूएन एजेंसी का मानना है कि ये तीनों प्रतिष्ठान उस परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसे 2000 के दशक के शुरुआती वर्षों में संचालित किया जा रहा था. इसमे अघोषित परमाणु सामग्री का इस्तेमाल किया जाता था.IAEA ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि ईरान ने परमाणु सामग्री या फिर इन स्थानों पर परमाणु-सम्बन्धी गतिविधियों की घोषणा नहीं की. इस वजह से, यूएन एजेंसी परमाणु सामग्री की सुरक्षा के बारे में कुछ कहने की स्थिति में नहीं है.ईरान ने परमाणु समझौते के तहत, ऐहतियात के लिए अपनाए गए कुछ प्रावधानों को अमल में लाना बन्द कर दिया है, जिससे हालात और जटिल हो गए हैं. अन्तराष्ट्रीय क़ानून के तहत ये प्रावधान अपनाए जाना एक क़ानूनी उपाय हैं.इसके मद्देनज़र, महानिदेशक राफ़ाएल ग्रोस्सी ने ईरान से पारदर्शिता को बहाल करने और अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन की अपील की है.उच्च संवर्धित यूरेनियमIAEA के शीर्ष अधिकारी ने चिन्ता जताई है कि उच्च संवर्धित यूरेनियम की मात्रा बढ़कर 400 किलोग्राम से अधिक हो गई है, जिसके गम्भीर नतीजे सामने आ सकते हैं और इसे नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता है.हाल ही में मिस्र ने ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मध्यस्थता के लिए कूटनैतिक प्रयास किए हैं, जिसकी यूएन एजेंसी प्रमुख ने सराहना की है.हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि IAEA द्वारा सत्यापन प्रयासों के आधार पर ही, एक कूटनैतिक समाधान के ज़रिए भरोसे को बहाल किया जा सकता है, और भविष्य में दोनों पक्षों के बीच किसी समझौते के सत्यापन के लिए एजेंसी तैयार है.डीपीआर कोरिया, यूक्रेन में हालात पर चिन्ताIAEA प्रमुख ने कहा कि कोरिया लोकतांत्रिक जन गणराज्य (डीपीआरके/उत्तर कोरिया) में अनुमति न मिल पाने के बावजूद, दूर से ही परमाणु गतिविधियों की दूर से नज़र रखी जा रही है.उत्तर कोरिया के योन्गब्योन में पाँच मेगावॉट का बिजली रिएक्टर अपने अब भी सक्रिय है, जबकि विकिरण के सम्पर्क में आए ईंधन को फिर से संसाधित (processed) करने की प्रक्रिया रेडियोकेमिकल लैब में फिर शुरू हो गई है.कांगसन संवर्धन प्रतिष्ठान से मिलती-जुलती एक नई ईमारत पर काम शुरू किया गया है और योन्गब्योन में हल्के जल का रिएक्टर भी सक्रिय है. महानिदेशक ग्रोस्सी ने कहा कि डीपीआरके द्वारा परमाणु कार्यक्रमों को जारी रखना, उन्हें और विकसित करना, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है और देश के परमाणु कार्यक्रम के सत्यापन के लिए उनका संगठन तैयार है.उधर, यूक्रेन में सैन्य गतिविधियों के बीच ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट पर हालात नाज़ुक हैं. वहीं, चेरनोबिल में स्थिति की पूर्ण समीक्षा की जा रही है, जहाँ इस वर्ष फ़रवरी में ड्रोन हमले और उसके बाद लगी आग में क्षति पहुँची थी.चेरनोबिल प्लांट में 1986 में बड़ा परमाणु हादसा हुआ था, और उसके बाद से ही यहाँ रेडियोएक्टिव सामग्री से बचाव के लिए एक सुरक्षा खाँचे के ज़रिये बचाकर रखा गया है.
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