वाराणसी (यूपी)। वाराणसी शहर भिखारी मुक्त बनने के लिए पूरी तरह तैयार है क्योंकि जिला प्रशासन ने 'भिक्षावृत्ति मुक्त काशी' नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है। जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने कहा, हम काशी में सक्रिय भिखारियों की तीन श्रेणियों की पहचान करके भिक्षावृत्ति को समाप्त करने की रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। दशाश्वमेध घाट जैसे पर्यटक स्थलों, संकट मोचन सहित मंदिरों और शहर की सड़कों और चौराहों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजलिंगम ने कहा, एक अभियान जिला प्रशासन द्वारा समाज कल्याण संगठनों, वाराणसी नगर निगम (वीएमसी), पुलिस और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से चलाया जा रहा है। मानव अधिकारों और उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम, 1975 के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश के साथ शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा कि, पहली श्रेणी में निराश्रितों को रखा गया है, इसके बाद भीख मांगने में लिप्त संगठित रैकेट के सदस्य और गरीब लोगों को रखा गया है, जो आजीविका कमाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में लगे रहते हैं और विशेष अवसरों पर भीख मांगने के लिए मंदिर शहर में आते हैं।
अभियान के शुरूआती चरण में संयुक्त टीमों ने भीख मांगने वाले लोगों की काउंसलिंग शुरू कर दी है। तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और अन्य लोगों से - घोषणाओं, पोस्टरों, बैनरों और पत्रकों के माध्यम से - भिखारियों को भीख देना बंद करने का आग्रह किया जा रहा है।
अगले चरण में काउंसलिंग के बावजूद भीख मांगने वालों को छुड़ाया जाएगा और उनका पुनर्वास किया जाएगा।(आईएएनएस)
गृह मंत्री शाह की अपील के बाद मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर 140 हथियार सरेंडर
AAP के अभियान को हेमंत का समर्थन, केजरीवाल बोले- कांग्रेस तय करे कि वह देश के साथ है या मोदी जी के साथ
कांग्रेस ने भाजपा को आडवाणी का जिन्ना पर बयान और मुस्लिम लीग से हाथ मिलाने की बात याद दिलाई
Daily Horoscope