ऋतु भार्गव, मेरठ। मेरठ में आज तीसरे दिन भी कलेक्ट्रेट और तीनों तहसीलों में ताला बंदी रही। यहां
पर कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। यहां के कर्मचारी दफ्तर तो आए लेकिन अपनी मांगों को
लेकर कोई न तो कार्य किया न ही कोई कार्य होने दिया। कलेक्ट्रेट के अधिकांश विभागों
में तालेबंदी के कारण अधिकारी भी कोई कार्य नहीं कर सके। वहीं दसूरी तरफ ये सभी
व्यापारी एक बार फिर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर इक्ठा हुए और धरना प्रदर्शन
किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इनकी मांग है कि 3 अगस्त को जिन लोगों को कमिश्नर की छापेमारी के दौरान
गिरफ्तार किया गया है उनका या तो तत्काल छोड़ दिया जाए या फिर तहसीलदार को
गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। हालाकि इस बात को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की
दोनो कमिश्नर और जिलाधिकारी से कई बार वार्ता भी हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा
नहीं निकलने के कारण ये सभी कर्मचारी झुकने के लिए तैयार नहीं है। वहीं दूसरी तरफ
जहां छापेमारी और गिरफ्तारी को लेकर सरकारी महकमा ही खिलाफत पर उतरा हुआ है वहीं
समाजिक संस्था और कई सगंठन जिसमें वकील भी शामिल है ने मंडलायुक्त को अपना समर्थन
दिया है।
आपको बता दें कि 3 अगस्त को कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने सदर तहसील पर
छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान तहसील में 5 बाहरी व्यक्ति काम करते रंगे हाथो
पकड़े गए थे। इन पांचों के साथ साथ मौके पर मौजूद सरकारी कर्मचारी को भी जेल भेजा
गया था। इसी बात को लेकर कलक्ट्रेट कर्मचारी लामबंद हो गए है। लेकिन इस सबके चलते
आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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