हैदराबाद। एग्जिट पोल के अनुमान के बाद तेलंगाना की राजनीति में नया बदलाव होता नजर आ रहा है। भाजपा टीआरएस के प्रति दोस्तना रवैये से राजनीति में उबाल आ गया है। इसके बाद कांग्रेस ने सियासी दांव चलते हुए कहा कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त और स्थाई दुश्मन नहीं रहता है। यदि भाजपा टीआरएस से हाथ मिलाती है तो हमे असदुद्दीन ओवैसी के साथ जाने से कोई परहेज नहीं होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस नेता जीएन रेड्डी ने बताया कि हमारे देश में कोई भी राजनीतिक पार्टी हमेशा के लिए दोस्त या दुश्मन नहीं होती है। 11 दिसंबर को परिणाम आने के बाद यदि टीआरएस बीजेपी के साथ जाती है तो एआईएमआईएम चाहे तो हमारे साथ आ सकती है। तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने कहा था कि अगर तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो उनकी पार्टी सरकार बनाने के लिए टीआरएस का साथ जरूर देगी।
भाजपा ऐसी सरकार का समर्थन करना चाहती है तो इसमें कांग्रेस और एआईएमआईएम नहीं हो। इस बयानों के बीच टीआरएस के प्रवक्ता भानु प्रसाद ने कांग्रेस और भाजपा की गठबंधन के प्रस्तावों पर कहा कि उनके दल को अकेले दम पर प्रदेश में बहुमत आएगा और वह किसी से गठजोड़ नहीं करने वाली है। आपको बताते जाए कि तेलंगाना विधानसभा में सदस्यों की संख्या 119 हैं। 2014 के चुनावों में भाजपा 45 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे पांच पर विजय हुई थी।
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