उदयपुर। मेवाड़ के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में निर्णायक युद्ध माने जाने दिवेर युद्ध के महत्व को जन-जन में पहुंचाने के उद्देश्य से प्रताप गौरव केंद्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ के तत्वावधान में दिवेर विजय महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत भाषण व निबंध प्रतियोगिता एवं व्याख्यानमालाओं का आयोजन किया जा रहा है। पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा पोस्टर विमोचन के साथ ही महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रंखला का औपचारिक शुभारम्भ हो गया था।
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प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि दिवेर युद्ध एक युगान्तरकारी परिवर्तन लाने वाला युद्ध था जिसमें विजय प्राप्त करने के पश्चात अगले दो-तीन वर्षों में मेवाड़ में सभी मुगल थाने समाप्त हो गए। अगले दो दशक से अधिक वर्षों तक समूचे मेवाड़ में शांति रही। मेवाड़ के स्वतंत्रता संग्राम की दृष्टि से इस महत्वपूर्ण युद्ध की विजय के इतिहास को जनमानस में व्याप्त करने एवं महाराणा प्रताप के संघर्ष को स्मरण करने के लिए दिवेर विजय महोत्सव मनाने के निर्णय किया गया।
उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत प्रदेश भर के स्कूल-कॉलेजों में निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताएं प्रारम्भ हो गई हैं। साथ ही उदयपुर, चित्तौड़गढ़ एवं राजसमंद जिलों के राजकीय व निजी विद्यालयों-महाविद्यालयों में महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित व्याख्यान हो रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों में महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम करने के आदेश भी जारी किए हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के माध्यम से यह प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
यह होंगे कार्यक्रम
सक्सेना ने बताया कि भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता के अलावा दिवेर महोत्सव के तहत कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए 22 सितम्बर को ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी तथा माध्यमिक, उच्च माध्यमिक व कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिताएं भी होंगी। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं के लिए पुरस्कार भी रखे गए हैं। 7 अक्टूबर को भव्य समारोह के साथ दिवेर विजय महोत्सव को समापन होगा।
यहां हुई प्रतियोगिताएं :
सक्सेना ने बताया कि उदयपुर के बीएन कॉलेज, हनुमानगढ़ के सरस्वती कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय टोंक, राजकीय कन्या महाविद्यालय तारानगर, मथुरादास बिनानी राजकीय महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय पीपलखूंट सहित प्रदेश भर के स्कूल कॉलेजों में निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित हो चुकी हैं। साथ ही, राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व व कृतित्व पर व्याख्यान भी चल रहे हैं।
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