भाया की माया को कोई समझ ही नहीं पायाः ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
निंदक
नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाए, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
कबीरदास जी का यह दोहा इन दिनों सत्तारूढ़ कांग्रेस में फिट बैठ रहा है।
अपने ही लोग विपक्ष की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। पिछले सप्ताह हाड़ौती
वाले नेता जी का एक पत्र और वायरल हुआ। वैसे कांग्रेस के कुंदन स्वरूप इन
नेताजी के पत्र अक्सर वायरल होते रहते हैं। क्योंकि हर पत्र में ये मुखिया
से लेकर सत्ता में बैठे नेताओं को आइना दिखाते रहते हैं। खान मंत्री प्रमोद
जैन भाया के खिलाफ तो जैसे मोर्चा ही खोला हुआ है। ताजा वायरल हुए पत्र की
दो वजह हैं। पहली यह उलटा लिखा गया है। दूसरा पत्र में मुखिया जी को लिखा
है कि जो उलटा लगे, उसे सुलटा कर लें। पत्र का संदर्भ खान की झौंपड़ियां
गांव को कोटा जिले में मिलाने से संबंधित है। मुखिया जी को उलाहना भी दिया
है कि आर बात तो गांधीजी की करते हैं। लेकिन, राजनीति सिद्धांत विहीन कर
रहे हैं। वैसे भाया की माया को कोई समझ ही नहीं पाया है।
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