जयपुर। भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक रहे माणकचंद सुराणा और उनके बेटों के खिलाफ गांधीनगर में अरबों रुपए की जमीन पर फर्जी तरीके से कब्जा करने और बेनामी दस्तावेज बनाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में 80 वर्षीय बुजुर्ग बेवा भंवरीदेवी ने यह मामला दर्ज कराया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह एफआईआर भी सीएम के आदेश के बाद डीसीपी ऑफिस के जरिए ऑनलाइन दर्ज हुई है। इसमें बताया गया है कि परिवादी प्लाट नंबर 58 ओझाजी का बाग गांधीनगर में बरसों से निवास कर रही है। यह जमीन अवाप्तशुदा है और आज भी सरकार के खाते में दर्ज है। यहां पर सालों से दूसरे परिवार भी निवास कर रहे है। पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री माणकचंद सुराणा ने अरबों रुपए की इस जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्रयां करा कर बेनामी दस्तावेज बना रखे हैं। सुराणा अपने बेटों राजेन्द्र और जितेन्द्र के साथ मिल कर परिवादी की भी जमीन हड़पना चाहते हैं। इसके साथ ही ये लोग वहां रह रहे दूसरे लोगों की भी जमीन डरा धमका कर हड़पना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे हैं। विरोध करने पर परिवादी को अगवा करने की धमकियां दी जाती है।
इनके खिलाफ बीकानेर में भी जमीनों की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। सुराणा पेशे से वकील हैं और भाजपा के बड़े नेता है।
परिवादी का आरोप है कि सुराणा और उनके पुत्र अपने प्रभाव का दुरुउपयोग कर सरकारी जमीनों के फर्जी बेनामी विक्रय पत्र, किरायानामा, राजीनामा अनेक दस्तावेज बना कर परिवादी व लोगों को जमीन का कब्जा करना चाहते हैं। मना करने पर उन्हें उन्हें डराता धमकाता है। थाना गांधीनगर पुलिस ने इस संबंध में आरोपी माणकचंद सुराणा उनके बेटे राजेन्द्र व जितेन्द्र के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 106 व 120 बी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इस संबंध में माणकचंद सुराणा के पुत्र राजेन्द्र सुराणा का कहना है कि भंवरी देवी उनकी किरायदार है। ये जमीन उनके छोटे भाई जितेंद्र ने खरीद रखी है किराएदार न्यायाधिकरण में भंवरीदेवीे खिलाफ केस चल रहा है। ये मुकदमा झूठा दर्ज कराया है।
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