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राजस्थान में ईडी की कार्रवाई : कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री महेश जोशी को किया गिरफ्तार, जल जीवन मिशन घोटाले में हुई कार्रवाई
khaskhabar.com: गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 7:34 PM
जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेश जोशी को जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी कार्यालय में दिनभर की पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने घोटाले से संबंधित दस्तावेज उन्हें दिखाए और विस्तृत जवाब मांगे गए।
जानकारी के अनुसार, महेश जोशी को ईडी ने कई बार समन जारी किया था, लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों से पूछताछ में शामिल नहीं हो सके थे। गुरुवार को दोपहर करीब 1 बजे जोशी अपने निजी सहायक के साथ ईडी मुख्यालय पहुंचे थे, जहां अधिकारियों ने उनसे जल जीवन मिशन से जुड़े कथित घोटाले के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की।
क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?यह मामला केंद्र सरकार की ‘हर घर जल’ योजना के तहत चल रहे जल जीवन मिशन से जुड़ा है। साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदारों ने कथित रूप से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे।
जांच में सामने आया कि श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लिया, जिनमें से 31 टेंडर जीतकर कंपनी ने 859.2 करोड़ रुपए के अनुबंध हासिल किए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में हिस्सा लिया और 73 में एल-1 बोलीदाता के रूप में चयनित होकर 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर प्राप्त किए।
कार्रवाई का सिलसिलाइस मामले में पहले एसीबी ने जांच शुरू की थी, जिसमें कई भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका सामने आई। बाद में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया और महेश जोशी व उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद सीबीआई ने 3 मई 2024 को इस मामले में केस दर्ज किया।
ईडी ने अपनी जांच में जुटाए गए दस्तावेज और सबूत 4 मई को एसीबी को सौंप दिए थे। अब ईडी ने पूछताछ के बाद महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया है।
जल जीवन मिशन और राजस्थानजल जीवन मिशन जल शक्ति मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर तक 2024 तक नल के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। इसके तहत प्रति व्यक्ति प्रति दिन कम से कम 55 लीटर जल आपूर्ति का लक्ष्य तय किया गया है। इस योजना पर 2020 से 2024 तक कुल 3.6 लाख करोड़ रुपये खर्च होने थे, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 58 फीसदी है।
राजस्थान में इस योजना के अंतर्गत जून 2023 तक खर्च के मामले में राज्य देश में दूसरे स्थान पर रहा। योजना के तहत राज्य के 22 जिलों — अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनूं, जोधपुर, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही और उदयपुर — में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने का कार्य प्रस्तावित था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया का इंतजारमहेश जोशी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्हें पहले से ही इस कार्रवाई की आशंका थी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में इस गिरफ्तारी का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है, खासकर ऐसे समय में जब राजस्थान में चुनावी गतिविधियां तेज होती जा रही हैं।
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