अलवर। सरिस्का का घना जंगल अभी भी बाघों के लिए सुरक्षित नहीं है। लगातार निगरानी के बाद भी लापता हुई बाघिन एसटी-5 का 18 वें दिन भी कुछ पता नहीं लग रहा है। बाघ विशेषज्ञ अब उसके मारे जाने की आंशका व्यक्त कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरिस्का के
अधिकारी भी काफी हद तक बाघिन के मार दिए जाने की बात मान चुके हैं, लेकिन
कोई अवशेष नहीं मिलने से इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही। उनका मानना है कि बाघिन की टेरिटरी से सटे किसी भी इलाके से किसी पशु का शिकार तक नहीं हुआ। 18 दिन में बाघिन शिकार जरूर करती।
अभयारण्य के कोर व बफर दोनों जोन में शिकारियों की लगातार मौजूदगी है। अधिकारी
मान रहे हैं कि जहर देकर मारने के बाद बाघिन का शव कहीं दफना दिया गया है।
सरिस्का में एेसा कई बार हो चुका है।
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