कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को माना कि शैक्षिक संस्थान केवल अध्ययन के लिए होते हैं और परिसर हड़ताल और विरोध प्रदर्शनों से मुक्त होने चाहिए। न्यायालय ने आगे कहा कि गड़बड़ी करने वाले छात्रों को निष्कासित भी किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह की पीठ ने अंतरिम आदेश में कहा, कारण चाहे जो भी हो, अब से, कालेज के अंदर कोई भी हड़ताल या विरोध प्रदर्शन नहीं होगा और जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसे निष्कासित किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यदि कोई समस्या है और उसके समाधान की जरूरत है तो छात्र कालेज में और यहां तक कि न्यायपालिका में भी अपनी बात रख सकते हैं। अदालत मलप्पुरम जिले के पोन्नानी कालेज परिसर में छात्रों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर एम.ई.एस. पोन्नानी में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने कहा, ऐसे विरोध प्रदर्शन नहीं होने चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इसे रोकने के लिए अधिकारी पुलिस की मदद ले सकते हैं। जो छात्र राजनीति के माध्यम से राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते है, उन्हें पढ़ाई छोडक़र राजनीति में शामिल हो जाना चाहिए। मामले की सुनवाई सोमवार तक टाल दी गई है।
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