रांची। झारखंड में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चेहरा होंगे। भाजपा भले ही इसकी अधिकृत घोषणा करने से कतरा रही हो, परंतु भाजपा ने 'घर-घर मोदी' की तर्ज पर झारखंड में 'घर-घर रघुवर' अभियान चलाकर यह स्पष्ट संकेत दे दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ता जहां घर-घर मतदाताओं तक पहुंच बनाने में जुटेंगे, वहीं वे अपने विकास कार्यो को भी मतदाताओं को बताएंगे।
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा कहते हैं कि 'घर-घर मोदी' नारे की तर्ज पर शुरू इस अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ता राज्य व केंद्र सरकार की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाएंगे। नौ सितंबर से शुरू होने वाला यह अभियान आचार संहिता लागू होने तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा 'जन आशीर्वाद यात्रा' भी निकालेगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के अंतर्गत भाजपा जनता से '65 प्लस' सीटें जीतने का आशीर्वाद मांगेगी। लोकसभा चुनाव में भी जनता का आशीर्वाद लिया गया था। उन्होंने बताया कि 'जन आशीर्वाद यात्रा' 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चलेगी। इस यात्रा को संताल या कोल्हान से शुरू किया जाएगा।
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं, "भाजपा किसी भी चुनाव में 'सबका साथ, सबका विकास' के जरिए 'सबका विश्वास' जीतने की कोशिश करती है। विकास के मुद्दे पर ही भाजपा एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरेगी और अपने लक्ष्य की प्राप्ति करेगी।"
'घर-घर रघुवर' को मुख्यमंत्री रघुवर दास को भाजपा के चेहरे से जोड़कर देखे जाने के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि रघुवर दास ही राज्य के मुख्यमंत्री हैं और चुनाव के पूर्व यह स्पष्ट बता दिया गया तो इसमें बुराई क्या है। उन्होंने कहा कि "आज कथित महागठबंधन में नेतृत्व का अकाल है। महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर 'युद्घ' छिड़ा हुआ है। ऐसे में समझा जा सकता है कि भाजपा कितनी स्पष्टता के साथ लोगों के बीच में जा रही है।"
विपक्ष हालांकि रघुवर को फिर से चेहरा बनाने पर आदिवासी मुख्यमंत्री का राग अलाप रहा है। राजद के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को अपनी झारखंड यात्रा पर कहा कि झारखंड में आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद आदिवासी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का समर्थन करेगा।
हालांकि राजनीति के जानकार इसे बहुत बड़ा मुद्दा नहीं मानते। झारखंड की राजनीति को नजदीक से जानने वाले और वरिष्ठ पत्रकार विजय पाठक कहते हैं, "अब आदिवासी जाति का मुख्यमंत्री बड़ा मुद्दा नहीं है। रघुवर दास के झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद ही यह मुद्दा समाप्त हो गया। झारखंड के लोग भी अब विकास को ही मुद्दा बनाने की ओर चल पड़े हैं।"
बहरहाल, झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर करीब सभी पार्टियां अपने फायदे, नुकसान को देखते हुए अपनी रणनीति बनाने में जुटी हैं। ऐसे में मतदाताओं को अपने पक्ष में कौन कर पाता है, यह बाद में पता चलेगा। फिलहाल तैयारी के मामले में स्पष्ट है कि भाजपा अन्य दलों से आगे है।
(आईएएनएस)
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope