नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश में अगले साल होने वाले
विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मंत्री राज्य में भाजपा सरकार के
प्रदर्शन का जायजा लेने के लिए लोगों से सीधे फीडबैक लेंगे।
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पार्टी के इस अभ्यास का उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से संबंधित मुद्दों की पहचान करना और उनका समाधान करना है।
योजना
के तहत मंत्रियों को पार्टी के संगठनात्मक जिलों को लोगों की राय लेने के
लिए सौंपा गया है ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों का खाका तैयार
किया जा सके। प्रत्येक मंत्री को जिले का प्रभारी बनाया गया है।
राज्य
भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन ने आईएएनएस को बताया कि मंत्रियों को जिलों
का प्रभारी बनाया गया है और वे लोगों से संबंधित मुद्दों का पता लगाने के
लिए पहुंचेंगे।
टंडन ने कहा, "जिले के प्रभारी मंत्री मौजूदा संगठनात्मक व्यवस्था के साथ-साथ सरकार और लोगों के बीच सेतु का भी काम करते हैं।"
प्रभारी मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ नेता भी प्रदेश में भाजपा सरकार को लेकर आम जनता की भावनाओं का पता लगाएंगे।
उन्होंने
कहा, "सीधी बातचीत से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। आने वाले दिनों में इस
कवायद के साथ हम अपनी सरकार के बारे में लोगों की राय जानने की कोशिश कर
रहे हैं ताकि उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। हिमाचल प्रदेश में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लोगों के कल्याण के
लिए काम कर रही हैं और राज्य के विकास के लिए काम करना जारी रखेंगे।"
हिमाचल
प्रदेश भाजपा इकाई ने हाल ही में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले पार्टी की
स्थिति और तैयारी का जायजा लेने के लिए तीन दिवसीय विचार मंथन सत्र आयोजित
किया था। विभिन्न सत्रों में मैदान पर पार्टी की गतिविधियों को बढ़ाने,
संगठन को मजबूत करने और लोगों तक पहुंचने का निर्णय लिया गया है।
विभिन्न
सत्रों में हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, प्रदेश
प्रभारी अविनाश राय खन्ना व टंडन सहित प्रदेश नेतृत्व मौजूद रहे।
टंडन
ने कहा, "कोर ग्रुप, जिला प्रभारी, मंत्रियों, विधायकों, 2017 के विधानसभा
चुनावों में हारने वालों और पार्टी शासित नगर निकायों के नेताओं के साथ
शासन और संगठन से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। अगले साल की
विधानसभा चुनाव और आगामी उपचुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्णय लिया गया।"
हिमाचल
में विधानसभा चुनाव अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होंगे। भगवा पार्टी ने
फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों के साथ-साथ मंडी लोकसभा सीट के
लिए आगामी उपचुनावों की योजनाओं पर भी चर्चा की, जिसके लिए भारत के चुनाव
आयोग (ईसीआई) द्वारा तारीखों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
भगवा
खेमे को लगता है कि उपचुनाव के नतीजे महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि यह हिमालयी
राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा के विजय मार्च के लिए टोन
सेट करेगा।
भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, "लोकसभा और विधानसभा
उपचुनाव अगले साल के चुनावों के लिए गति निर्धारित करेंगे। सभी मोर्चा,
जिला इकाइयों, नेताओं और कार्यकतार्ओं को मैदान में उतरने के लिए कहा गया
है।"
--आईएएनएस
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