चंडीगढ़
। जीएसटी लगने के बाद और बिजली की दरें बढ़ाने के बाद भी प्रदेश की सरकार
लगातार करों का बोझ प्रदेश की जनता पर लाद रही है। इस कड़ी में अब मनोरंजन
कर और जुड़ गया है। स्थानीय निकायों की आमदनी बढ़ाने के लिए
सरकार ने यह कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज
यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में सार्वजनिक मनोरंजन
स्थलों में प्रवेश हेतु मनोरंजन शुल्क लगाने के उद्देश्य से हरियाणा पालिका
मनोरंजन कर विधेयक, 2017 लाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
इससे पूर्व
सार्वजनिक मनोरंजनों पर पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 के प्रावधानों
के अनुसार मनोरंजन शुल्क लगता था, जिसे हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम,
2017 लागू होने के बाद रद्द कर दिया गया है।
सार्वजनिक मनोरंजनों पर
लगाया जाने वाला मनोरंजन शुल्क सम्बंधित शहरी स्थानीय निकायों द्वारा
एकत्रित किया जाएगा और प्राप्त राशि का उपयोग पालिका द्वारा शहरी क्षेत्रों
में नागरिक सुविधाओं के विकास या बेहतरी के लिए किया जाएगा।
यह मनोरंजन
शुल्क प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों के क्षेत्रों में मनोरंजन स्थलों,
आउटलेट्स इत्यादि पर लगाया जाएगा। यह प्रदेशभर में एक समान होगा, जोकि
सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा। मनोरंजन से छूट प्राप्त कार्यक्रमों या
शो की एक सामान्य सूची होगी। किसी मनोरंजन प्रदाता के प्रोपराइटर की शहरी
स्थानीय निकायों के निर्धारित प्राधिकारी द्वारा नियमित जांच और निगरानी की
जाएगी।
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