नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को प्रोत्साहन देने के लिए शुक्रवार को 100 दिनों के कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत देश के 100 आकांक्षी जिलों में आसान कर्ज समेत अनेक उपायों के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डी. एस. मलिक ने बुधवार को कहा, ‘‘कार्यक्रम का मकसद एमएसएमई को प्रोत्साहन प्रदान करना, उनको आसानी से कर्ज प्राप्त करने में सक्षम बनाना और बाजार के साथ उनको जोडऩे में मदद करना है। यह कार्यक्रम 100 आकांक्षी जिलों में 100 दिनों तक चलेगा।’’
मोदी एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों की घोषणा कर सकते हैं, जिनमें ब्याज अनुदान भी शामिल है। दरअसल, नोटबंदी होने और जुलाई 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से यह क्षेत्र संघर्ष कर रहा है।
सरकार ने कर्ज और अन्य प्रकार की मदद के माध्यम से खासतौर से 100 आकांक्षी जिलों में छोटे उद्यम को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। ये आकांक्षी जिले स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा के मामले में पिछड़े हुए हैं।
मलिक ने कहा, ‘‘इस वृहद आयोजन में कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे और आकांक्षी जिलों का दौरा कर उनकी चुनौतियों का अध्ययन करने के साथ-साथ एमएसएमई को दी जाने वाली मदद का निरीक्षण करेंगे।’’
भारत के एमएसएमई क्षेत्र में 633 लाख इकायां शामिल हैं, जो 11 लाख करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। यह देश के कुल रोजगार का 69 फीसदी है। इस क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30 फीसदी योगदान है।
कुल विनिर्माण में 45 फीसदी योगदान इस क्षेत्र का है, जबकि कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 40 फीसदी है। इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एमएसएमई सरकार के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर हैं।
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