पटना। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पूरे देश में शोर मचा हुआ है। जहां मोदी सरकार इनके लिए अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं विपक्षी दलों को यह जरा भी रास नहीं आ रहा है। बिहार में सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी इन कानून के खिलाफ हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने रविवार सुबह इस मामले में एक बार फिर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पूरे देश में एनआरसी लागू करने का विचार नागरिकता के मामले में नोटबंदी के सामान है...यह तब तक अवैध है जब तक की आप इसे साबित नहीं कर देते।
इससे सबसे ज्यादा पीडि़त गरीब और हाशिए पर रह रहे लोग होंगे... हम अपने अनुभव से यह जानते हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर ने शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करीब डेढ़ घंटे मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि किशोर ने जेडीयू से इस्तीफा देने की पेशकश की, जिसे नीतीश ने नकार दिया।
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