भारतीय सिनेमा जगत में मन्ना डे को एक ऐसे पार्श्वगायक के तौर पर याद किया जाता है। मन्ना डे अब इस जहां में नहीं हैं, मगर करोड़ों दिलों में बसे हैं अपनी मखमली आवाज और गाने के अनोखे अंदाज की बदौलत। मन्ना डे अपने लाजवाब पार्श्वगायन के जरिए शास्त्रीय संगीत को विशिष्ट पहचान दिलाई। उन्होंने गाया ‘सुर ना सजे क्या गाऊं मैं..’ लेकिन गाते रहे, सबको लुभाते रहे। मन्ना अपनी गायन शैली से शब्दों के पीछे छिपे भाव को खूबसूरती से सामने ले आते थे। उनके समकालीन गायक मोहम्मद रफी और महेंद्र कपूर सहित उस समय के कई मशहूर गायक मन्ना डे के जबरदस्त प्रशंसक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चंद्र डे था। प्यार से उन्हें ‘मन्ना डे’ भी पुकारा जाता था।
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